नए आईटी रूल्स को लेकर ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्र सरकार की तरफ से शनिवार को ट्विटर को फाइनल नोटिस जारी किया गया. इस नोटिस में ट्विटर को सख्त लहजे में चेताते हुए कहा गया है कि वो या तो नियम माने या फिर भारतीय कानूनों के मुताबिक नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे.
दरअसल, 25 फरवरी को बनाए गए नए आईटी रूल्स में सरकार ने साफ कर दिया था कि जिस भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के 50 लाख से ज्यादा यूजर होंगे, उन्हें भारत में शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी. इसके लिए तीन महीने का वक्त दिया गया था. 25 मई को इसकी सीमा खत्म हो गई है. पिछले हफ्ते ट्विटर की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में बताया गया था कि उसने 28 मई को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति कर दी है. हालांकि, सरकार इससे संतुष्ट नहीं है.
आईटी मंत्रालय की ओर से नए नियमों को लेकर 26 मई को पहली बार ट्विटर को नोटिस भेजा गया था. उसके बाद 28 मई और 2 जून को भी नोटिस जारी किया गया. अब शनिवार को आखिरी नोटिस भेजा गया है.
नोटिस में लिखा है, “भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है. ट्विटर को यहां खुले हाथों से अपनाया गया, लेकिन 10 साल से यहां काम करने के बावजूद ट्विटर ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं बना पाया जिससे भारत के लोगों को ट्विटर के बारे में अपनी शिकायत को सुलझाने का मौका मिल सके. जिन लोगों को ट्विटर के प्लेटफॉर्म पर अपशब्दों का सामना करना पड़ता है या यौन दुराचार का सामना करना पड़ता है उन्हें अपनी शिकायत के समाधान के लिए मैकेनिज्म मिलना ही चाहिए. ट्विटर को 26 मई 2021 से ही नियमों को मानना होगा.”
इसमें आगे लिखा गया है, “सद्भावना के तौर पर नए आईटी नियमों के पालन का एक आखिरी मौका ट्विटर को दिया जा रहा है. इसका पालन न करने पर ट्विटर को आईटी कानून के अनुच्छेद 79 के तहत दायित्व से छूट वापस हो जाएगी. इसके बाद ट्विटर आईटी कानून और भारत के अन्य कानूनों के तहत परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे.”
आईटी मंत्रालय की तरफ से भेजे गए इस नोटिस में लिखा गया है कि सरकार ट्विटर के जवाब से संतुष्ट नहीं है. जबकि, ट्विटर की तरफ से भारत में जो शिकायत अधिकारी और नोडल अफसर की नियुक्ति की गई है, वो ट्विटर के कर्मचारी भी नहीं है. इसके अलावा कंपनी ने अपना पता लॉ फर्म के ऑफिस का दिया है जो नियमों के हिसाब से वैध नहीं है.