जौनपुर, । जिला कारागार में निरुद्ध दोहरा आजीवन कारावास पाए कैदी बागेश मिश्र उर्फ सरपंच की शुक्रवार को दोपहर मौत हो गई। मृतक के भाई ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। मौत की खबर लगने पर आक्रोशित बंदियों ने जेल में हंगामा और तोड़फोड़ शुरू कर दिया है। स्थिति पर काबू पाने को जेल प्रशासन ने भारी पुलिस व पीएसी फोर्स बुला ली है। बंदियों का हंगामा जारी है और जेल के अस्पताल में लगाई आग। गेट बंद कर पुलिस दाग रही आंसू गैस में गोले।
रामपुर थाना क्षेत्र के बनीडीह गांव निवासी 42 वर्षीय बागेश मिश्र को जिला अदालत ने गत पांच जनवरी को हत्या व अनुसूचित जाति उत्पीड़न निवारण एक्ट में दोहरा आजीवन से दंडित किया था। तभी से वह जिला जेल में निरुद्ध था। उसे काफी समय से मधुमेह के साथ ही श्वांस संबंधी बीमारी थी। गुरुवार को हालत खराब होने पर उसका जेल के अस्पताल में इलाज चल रहा था। शुक्रवार की दोपहर करीब एक बजे सीने में दर्द सांस फूलने पर हालत नाजुक देखते हुए जेल प्रशासन ने स्वजन को सूचना देने के साथ ही जिला चिकित्सालय पहुंचाया। वहां डाक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। स्वजन जिला अस्पताल पहुंच गए।
मृतक की पत्नी कुसुम मिश्रा ग्राम सभा बनीडीह की प्रधान हैं। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। मृतक के भाई अनिल कुमार मिश्र ने बीमारी की पुष्टि करते हुए जेल प्रशासन पर इलाज में उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है। इस बारे में पूछने पर जेल अधीक्षक एसके पांडेय ने कहा कि दोपहर में वह कारागार के अस्पताल में उपचाररत बंदियों को देखने गए तो बागेश मिश्र की हालत नाजुक लगने पर एंबुलेंस से पुलिस अभिरक्षा में जिला अस्पताल भेजा जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना कारागार मुख्यालय को दे दी गई है। उन्होंने बताया कि मृत्यु के बाद जेल में निरुद्ध बंदियों के हंगामा व तोड़फोड़ करने पर स्थिति पर काबू पाने को जिला प्रशासन को सूचना देकर फोर्स बुला ली गई है। जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।