न्याय मिलने तक जारी रहेगा डाक्टरों का संघर्ष


वाराणसी (काशीवार्ता)। आईएमए में विवाद के केन्द्र बने चुनाव अधिकारी डॉ.अरविन्द सिंह अपने मंसूबे में सफल रहे। तय तिथि पर चुनाव कराने का उनका मंसूबा जहां सफल रहा। वहीं चिकित्सकों के दूसरे गुट ने इस पूरी प्रक्रिया को असंवैधानिक बताते हुए चुनाव का बहिष्कार किया। चुनाव के दौरान होने वाली चहल-पहल आज मतदान के दौरान गायब रही और मतदान स्थल पर सन्नाटा पसरा रहा। इस सम्बन्ध में काशीवार्ता ने जब कुछ चिकित्सकों से बात की तो उन्होंने चुनाव को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि हम इस चुनाव का बहिष्कार करते हैं और चुनाव की सम्पूर्ण प्रक्रिया रद्द होने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ.पी.के.तिवारी ने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष ने असंवैधानिक तरीके से चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। कहा कि जब चुनाव अधिकारी की तैनाती ही असंवैधानिक है तो चुनाव की सम्पूर्ण प्रक्रिया ही अवैध हो गयी है। इसलिए हम इस चुनाव का बहिष्कार करते हैं। डा.भानु शंकर पाण्डेय ने कहा कि गलत तरीके से चुनाव अधिकारी नियुक्त कर चुनाव कराया जाना उचित नहीं है। यदि चुनाव प्रक्रिया रद्द कर किसी निष्पक्ष व्यक्ति की देख-रेख में चुनाव नहीं हुआ तो हम इसे न्यायालय में ले जाएंगे। डा.आलोक भारद्वाज ने कहा कि आईएमए में बने सिंडिकेट को अधिपत्य नहीं जमाने दिया जाएगा। इसलिए हम लोग आज हो रहे चुनाव का विरोध करते हैं। डा.एस.पी.सिंह ने कहा कि आईएमए में आम सदस्यों की आवाज को दबाना दुर्भाग्यपूर्ण है और उसका सशक्त विरोध जरूरी है। डा.अरूण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस असंवैधानिक चुनाव के जरिए अपना वर्चस्व स्थापित करने के प्रयासरत लोगों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। डा. शैलेन्द्र कुमार सिंह व डा विजय गुप्ता ने कहा कि साजिश करके बीस से अधिक वैध सदस्यों का नामांकन रद्द करना यह साबित करता है कि चुनाव अधिकारी वर्तमान अध्यक्ष की कठपुतली बने हुए हैं और आज असंवैधानिक तरीके से चुनाव करा रहे हैं। डा.संजय पटेल ने कहा कि कनिष्ठ सदस्यों में इस घटनाक्रम के चलते असुरक्षा की भावना जन्म ले रही है। डॉ.सी.के.पी.सिन्हा ने कहा कि असहमति रखने वालों से दुर्व्यवहार करना लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार्य नहीं है। आईएमए का चुनाव निष्पक्ष न होने के कारण चुनाव का बहिष्कार करना जरूरी हो गया था। डॉ.सी.पी.सिंह ने कहा कि किसी भी एसोसिएशन में आम सदस्यों का हित ही सर्वोपरि होता है। परन्तु वर्तमान अध्यक्ष के कार्यकाल में ऐसा होता नहीं दिख रहा है। डा.के.एन.सिंह, डा.आलोक ओझा, डा.संजीव शर्मा, डॉ.मनोज श्रीवास्तव, डा.रितु गर्ग, डा.हेमन्त सिंह, डा.चन्द्रमणि सहित अनेक चिकित्सकों ने भी चुनाव का बहिष्कार किया।