काशीवासियों को आकर्षित कर रहा श्री राजबंधु का
कुल्फी-फालूदा


वाराणसी(काशीवार्ता)। बनारस सदा से बनारसीपन की सुस्वाद मिठाइयों के लिए न केवल यहां अपितु पूरे भारत में प्रसिद्ध है। उसी बनारसीपन में रची पगी शुद्ध देसी घी, शुद्ध छेने और चांदी का वर्क लगी मिठाइयां व नमकीन आज घर-घर की पसंद है। सन् 1887 से कई पीढ़ियां इस परंपरा का परिपालन करती आ रही है।
कचौड़ी गली व कमच्छा में स्थित श्री राजबंधु प्रतिष्ठान इसका जीता जागता उदाहरण है। स्व. राज किशोर गुप्ता, जिन्हें लोग प्रेम से ‘बचानू भैया’ पुकारते थे, उन्होंने इसी परंपरा को न केवल आगे बढ़ाया बल्कि विश्वनाथ मंदिर सहित समस्त मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों में अपनी ओर से मांगलिक अवसरों पर मिष्ठान अर्पित किए। राजघराने से लेकर यहां के हर छोटे-बड़े नागरिकों के मांगलिक आयोजनों में उनकी सेवा के बिना कोई कार्यक्रम नहीं पूर्ण होता था। उन्होंने नगर के विभिन्न सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया या उसमें भागीदारी की। यहां आने वाले कई राष्ट्रपति, प्रधानमंत्रियों व अन्य नेताओं को श्री राजबंधु की सुस्वादु मिठाई, व्यंजनों का लुत्फ चखाया। उसी पिता की विरासत का पालन उनके सुपुत्र राजीव कुमार गुप्ता व उनके पुत्र चंदन गुप्ता कर रहे हैं। यहां के सांसद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इससे अछूते नहीं हैं। श्री गुप्त ने बताया कि कमच्छा स्थित वातानुकूलित शाखा में इस मौसम के अनुकूल शुद्ध दूध से निर्मित केसरिया पिस्ता, पाइनएप्पल एल्केनजो आम, विदेशी फल ब्लूबेरी सहित शुगर फ्री कुल्फी और फालूदा की भारी डिमांड है। साथ में गरमा गरम केसरिया इमरती भी लोगों को खूब भा रही है। इसके अलावा शुद्ध देसी घी, खोवे व छेने की लगभग 200 प्रकार की मिठाइयां उपलब्ध हैं। इनमें शुगर फ्री मिठाई सहित स्वीट पैराडाइज, छेना चामिस, मैंगो कप, रस माधुरी, रबड़ी, रसमलाई जैसी विशिष्ट मिठाइयां और विविध नमकीनों सहित पालक पनीर, वेज व सामान्य समोसे, पनीर कटलेट, खस्ता कचौड़ी व ढोकला आदि भी जायकेदार है।