‘काशी में कोई नहीं सोता भूखा’ को बालकुंदन फाउंडेशन ने किया चरितार्थ


वाराणसी (काशीवार्ता)। कहते हैं कि काशी में कोई भूखा नही सोता। इसी मान्यता और सदियों से चली आ रही परम्परा को काशी में कई संगठन व संस्थाएं अभी भी जीवंत रखे हैं। वर्तमान समय में महामारी के चलते लोगों के सामने विकट समस्या आ खड़ी हुई है। संकट की इस घड़ी में उनकी मदद के लिए काशी विश्वनाथ अन्न क्षेत्र से ओएस बाल कुंदन फाउंडेशन आगे आया है।
पिछले दो माह से फाउंडेशन लगातार संक्रमित परिवारों को दोनो वक्त भोजन मुहैया करा रहा है। यह पुनीत कार्य भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी सुनील ओझा के नेतृत्व में रोजाना चल रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के आने के बाद पिछले दो माह में अन्न क्षेत्र की ओर से अब तक 55 हजार लोंगो को भोजन वितरित किया जा चुका है। इनमें अच्छी संख्या में अल्पसंख्यक परिवार रहे है। बुधवार को फेसबुक लाइव “डिजिटल चाय की अड़ी” पर चर्चा करते हुए भाजपा प्रदेश सह-प्रभारी सुनील ओझा ने कहा, काशी तो अविनाशी है। भाई चारे और ताने बाने के लिए मशहूर। काशीवासी हमेशा आपदा के समय खुलकर मदद करते रहे है।
पहली लहर में भी मदद को हजारों हाथ उठ खड़े हुए थे। इस बार हजारो संक्रमित परिवारों को उनके घरों तक दोनो वक्त खाना पहुंचाना सबसे जटिल और चुनोती भरा कार्य रहा। डर व भय से पड़ोसी सगे संबंधियों ने भी दूरी बना ली थी ।इनमें अस्पतालों में भर्ती तमाम कोरोना मरीजों व उनके परिवार के लोग, गलियों में रहने वाले लोग, बुनकर बस्ती के परिवारों को दो वक्त का भोजन मुहैया कराने में भाजपा संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सुबह शाम अन्न क्षेत्र का कार्य देख रहे सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार विक्रांत दुबे ने बताया कि हजार पैकेट रोजाना भोजन तैयार करने और पहुचाने के लिए 100 साहसी कार्यकतार्ओं की टीम लगी रही ।