ज्ञान को नौकरी पाने का साधन न बनाएं : राज्यपाल


वाराणसी(काशीवार्ता)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आंनदीबेन पटेल की अध्यक्षता में शनिवार को महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ का 44वां दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह में विभिन्न संकायों के 67916 विद्यार्थियों को स्नातक, 9277 विद्यार्थियों स्नातकोत्तर, 48 विद्यार्थियों को शोध तथा 01 छात्रा को डी0 लिट्0 की उपाधि प्रदान की गई। राज्यपाल ने विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले 65 मेधावी विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को भावी जीवन में सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। कुछ अंकों से पदक प्राप्त करने में चूकने वाले विद्यार्थियों का विशेष उत्साहवर्द्धन करते हुए राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि कुछ अंको से आगे-पीछे हो जाने से आगामी जीवन प्रभावी नहीं होगा, भविष्य में जीवन की सफलता ज्ञान के बेहतर उपयोग, लगन और निष्ठा के साथ लक्ष्यों को पूरा करने से प्राप्त होगी। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थी विद्यापीठ से प्राप्त ज्ञान का सदुपयोग राष्ट्र निर्माण को प्रभावशाली बनाने में करेंगे।
दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओं सहित उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आंनदीबेन पटेल ने बेटियों को बधाई देते हुए कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रों की कुल संख्या में छात्राओं की संख्या छात्रों से कम है, लेकिन मेडल पाने वाले में छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि ज्ञान को नौकरी पाने का साधन नहीं बनाना चाहिए। शिक्षा को लोकहित और जनहित से जुड़े बगैर शिक्षा की सार्थकता साबित नहीं हो सकती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपने जीवन में परिवार के साथ-साथ राष्ट्र व समाज के उत्थान में भी अपना योगदान देंगे, तो ही देश का विकास होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की युवाशक्ति की वैश्विक पहचान बन रही है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को छात्रों का बहुआयामी विकास करने के लिए कार्य करना होगा।