महंत नरेंद्र गिरि केसः सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर, जांच के लिए प्रयागराज पहुंची टीम


अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) करेगी. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सीबीआई जांच की सिफारिश किए जाने के बाद एक्टिव मोड में आई सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय जांच टीम का गठन भी कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच सीबीआई विशेष क्राइम यूनिट और छह सदस्यीय जांच टीम करेगी. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई मुख्यालय से जांच टीम प्रयागराज पहुंच चुकी है. सीबीआई की टीम अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में हत्या या आत्महत्या के बीच उलझी गुत्थी सुलझाएगी. यूपी पुलिस की एसआईटी टीम बाघंबरी गद्दी पहुंची है.

महंत नरेंद्र गिरि की हत्या के मामले की जांच अब तक यूपी पुलिस कर रही थी. बताया जाता है कि 6 सितंबर को नरेंद्र गिरि ने पुलिस को शिकायत दी थी कि किसी ने उनके नाम पर ट्विटर अकाउंट बनाया है. नरेंद्र गिरि ने पुलिस से इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की थी. इन सबके बीच प्रयागराज की एक अदालत ने पुलिस से नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सभी अभियुक्तों को सुरक्षा देने के लिए कहा है.

महंत नरेंद्र गिरि की हत्या के मामले में गिरफ्तार आनंद गिरि और आद्या तिवारी ने कोर्ट में याचिका दायर कर ये कहा था कि नैनी जेल में और जेल से पेशी के लिए कोर्ट ले जाते समय उनकी जान को खतरा है. कोर्ट ने इनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जेल अधिकारियों को जेल में सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही कोर्ट ने आरोपियों को वर्चुअली ही पेश करने के लिए भी कहा है.

शिकायत और सुसाइड नोट पर हस्ताक्षर का हो सकता है मिलान

नरेंद्र गिरि ने 6 सितंबर को पुलिस से अपने नाम से फर्जी ट्विटर हैंडल को लेकर लिखित शिकायत की थी. इस शिकायत पर उन्होंने हस्ताक्षर भी किए थे. सुसाइड नोट पर भी उनके हस्ताक्षर हैं.

लंबे-चौड़े सुसाइड नोट को लेकर भी सवाल उठ रहे थे. ऐसे में आत्महत्या से चंद रोज पहले नरेंद्र गिरि की ओर से दिए प्रार्थना पत्र और सुसाइड नोट, दोनों पर हस्ताक्षर का मिलान कराया जा सकता है.