2027 तक देश को कुष्ठ मुक्त बनाएंगे : डॉ. गोयल


वाराणसी (काशीवार्ता)। देश को वर्ष 2027 तक कुष्ठ मुक्त बनाने के लिए मिलकर लड़ना होगा। जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड को पूरी तरह से परास्त किया है, उसी तरह कुष्ठ रोग को भी लक्षित समय तक उन्मूलन कर लेंगे। जागरूकता के अभाव के कारण समाज में कुष्ठ रोग के प्रति कलंक और भेदभाव के चलते इसके फैलाव एवं उपचार के प्रति गलतफहमी बढ़ रही है। इसकी वजह से सामाजिक जीवन, प्रतिष्ठा, रोजगार, वैवाहिक व पारिवारिक जीवन प्रभावित होता है। इसी के मद्देनजर यूपी सहित पूरे देश में राष्ट्रीय स्तरीय रणनीति बनाई जा रही है जिससे जागरूकता के साथ जांच, निदान, उपचार, दिव्यांग्ता और जीरो ट्रांसमिशन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। यह कहना है स्वास्थ्य महानिदेशक व राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र निदेशक डॉ अतुल गोयल का। वह शनिवार को आईएमए सभागार में आयोजित यूपी में कुष्ठ के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना की कार्यान्वयन बैठक के समापन समारोह में चर्चा कर रहे थे। अपर महानिदेशक (स्वास्थ्य) डॉ अनिल कुमार ने कहा कि पिछले पाँच से छह सालों में विश्व स्तर पर भारत में कुष्ठ रोग के आंकड़ों में लगातार सुधार हो रहा है। दिव्यांग्ता में लगातार कमी आ रही है। डब्ल्यूएचओ इंडिया के डॉ ट्रेन मिन्ह ने कहा कि सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने और कमियों को पूरा करने को लेकर केंद्रीय व राज्य स्तरीय के साथ सामूहिक प्रयास होना बहुत जरूरी है। इस दौरान जिला कुष्ठ रोग अधिकारी (डीएलओ) डॉ राहुल सिंह ने वाराणसी में कुष्ठ उन्मूलन के तहत उपलब्धियों और प्रयासों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यक्रम के अंत में राज्य कुष्ठ रोग अधिकारी जया दहलवी ने वाराणसी सहित सभी जिलों के कुष्ठ रोग अधिकारी, एनएमए और एनएमएस को कुष्ठ उन्मूलन की दिशा में प्रत्येक स्तर पर प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान उप निदेशक (लेप्रोसी) डॉ सुदर्शन मण्डल, निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम (यूपी) डॉ पंकज कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी, डीएलओ डॉ राहुल सिंह, एनसीडीसी सीएमओ डॉ एके यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।