वाराणसी (काशीवार्ता)। वैश्विक महामारी कोरोना के आगे जहां दुनिया नतमस्तक है वहीं भारत जैसे विकासशील देश में चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में पूर्वांचल का एम्स कहे जाने वाले सर सुंदर लाल चिकित्सालय की स्थिति बद से बदतर हो गई है। आलम यह है कि इस अस्पताल को शासन/प्रशासन के निर्देश पर एल-3 का दर्जा देते हुए गम्भीर रूप से कोरोना से पीड़ित मरीजों को भर्ती तो किया जा रहा है। परन्तु यहां भर्ती मरीज चंद घंटों में ही परेशान हो जा रहे हैं और अपने घरों को बीमार हाल में ही वापस लौटने की जुगत करने लग रहे हैं।
बीएचयू व निजी अस्पताल की रिपोर्ट में भिन्नता, असमंजस में मरीज- सर सुंदर लाल चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में कोरोना की जांच में आ रही भिन्नता ने मरीजों को असमंजस की स्थिति में ला दिया है कि आखिर वो किस रिपोर्ट को सही मानें। सरकार द्वारा नामित एल-3 चिकित्सालय की रिपोर्ट या प्रशासन द्वारा नामित निजी चिकित्सालय की रिपोर्ट को ? जी हाँ पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में 26 जुलाई को (काल्पनिक नाम) आकाश नामक युवक ने कोविड एंटीजेन किट से सर सुंदर लाल चिकित्सालय व एक निजी चिकित्सालय से कोविड की जांच कराई। जिसमें सर सुंदर लाल चिकित्सालय से जारी जांच रिपोर्ट में उसे निगेटिब बताया गया और निजी चिकित्सालय से जारी रिपोर्ट में पॉजिटिव बताया गया।
पॉजिटिव मरीजों के साथ हो रही खानापूर्ति- कोरोना से पीड़ित मरीजों के साथ मात्र रस्म अदायगी की जा रही है। प्रदेश सरकार व जिलाधिकारी द्वारा जारी दिशा निर्देशों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा पालन नहीं हो रहा है। कोरोना पीड़ित एक मरीज जो होम आइसोलेशन में अपना इलाज करा रहा है उसने बताया कि 27 जुलाई को सर सुंदर लाल चिकित्सालय में भर्ती हुआ था लेकिन वहां की दयनीय स्थिति देखकर अपने रिस्क पर घर पर इलाज कराने का निर्णय लिया। कहा कि कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सरकार का कोई भी नुमाइंदा हाल-चाल लेने नहीं आया और न ही कोई दवा की व्यवस्था ही की गई। जबकि जिलाधिकारी द्वारा लगातार कोविड मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये। परन्तु स्वास्थ्य विभाग है कि अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहा है। आखिर ऐसे में जिलाधिकारी कैसे पीएम के संसदीय क्षेत्र को सुरक्षित रखने में कामयाब हो पाएंगे। जबकि ऐसी ही लापरवाही का एक मामला विगत दिनों हरिश्चन्द्र महाविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष सुनील कुमार श्रीवास्तव का वायरल हुआ था कि यहां कोई इलाज नहीं हो रहा है और ये लोग मुझे मार डालेंगे। अंत मे वही हुआ जिसका अंदेशा पूर्व अध्यक्ष सुनील कुमार श्रीवास्तव ने अपने वायस रिकार्डिंग में व्यक्त किया था।
कोरोना मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही
वाराणसी (काशीवार्ता)। नगर में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तो प्रतिदिन सैकड़ों मरीज मिलने लगे हैं। लेकिन बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में उनके इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं हो पा रही है। समाजवादी पार्टी शिक्षक सभा के जिलाध्यक्ष संजय प्रियदर्शी ने कहा कि दो दिन पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी का दौरा कर कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार होने की बात कही थी लेकिन पीएम के संसदीय क्षेत्र में कोरोना मरीजों की उचित देखभाल नहीं हो पा रही है। देखभाल की बात छोड़िए उनको अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस भी जिला प्रशासन समय पर उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। संजय प्रियदर्शी ने कहा कि कोरोना के इलाज के लिए करोड़ों का बजट सरकार द्वारा बनाया गया है लेकिन वाराणसी के अस्पतालों में मरीजों का सही तरीके से इलाज नहीं हो पा रहा है।