मेहुल चोकसी को बड़ा झटका, डोमिनिका के मजिस्ट्रेट ने जमानत याचिका खारिज की


नई दिल्ली, भगोड़े व्यापारी मेहुल चोकसी की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। जिस नाटकीय अंदाज में डोमिनिका में मेहुल चोकसी को गिरफ्तार किया गया उसके बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर मेहुल डोमिनिका में कैसे आया। इस बीच मेहुल चोकसी की जमानत के लिए डोमिनिका की कोर्ट में जो जमानत याचिका दायर की गई थी उसे डोमिनिका कोर्ट के मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया है। आरोप है कि मेहुल चोकसी गैर कानूनी तरीके से डोमिनिका में घुसा था, हालांकि चोकसी का कहना है कि उसका अपहरण हुआ था और बंधक बनाकर उसे एंटिगुआ से डोमिनिका लाया गया है। वहीं जमानत याचिका खारिज होने के बाद मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल का कहना है कि वह ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

डोमिनिका की सरकार ने कोर्ट में कहा, मेहुल चोकसी को भारत भेजा जाना है

गौर करने वाली बात है कि हाल ही में मेहुल चोकसी को डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद उसकी जो तस्वीर सामने आई थी उसमे देखा जा सकता है कि मेहुल चोकसी को काफी चोट लगी है। मेहुल चोकसी के वकील का दावा है कि मेहुल को जबरन बंधक बनाकर डोमिनिका लाया गया है, जबकि अभियोजन पक्ष का कहना है कि मेहुल क्यूबा भागने की कोशिश कर रहा था इसी दौरान उसे गिरफ्तार किया गया है। माना जा रहा है कि चोकसी को जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। कोर्ट में पहले ही डोमिनिका की सरकार की ओर से कहा जा चुका है कि चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किया जाना है।

बता दें कि मेहुल चोकसी को एंटिगुआ की नागरिकता मिल गई है। भारत में पंजाब नेशनल बैंक के साथ 14 हजार करोड़ रुपए के घोटाले में नाम आने के बाद ही मेहुल चोकसी भारत से फरार हो गया था और एंटिगुआ की नागरिकता ले ली थी। वहीं भारत की ओर से मेहुल चोकसी की एंटिगुआ की नागरिकता को गैरकानूनी करार दिया गया है। भारत की ओर से कहा गया है कि मेहुल चोकसी ने गलत जानकारी, शपथ पत्र और दस्तावेज के माध्यम से एंटिगुआ की नागरिकता ली है। वहीं चोकसी के वकील का कहना है कि संविधान के अनुसार जब कोई नागरिक दूसरे देश की नागरिकता के लिए आवेदन करता है तो खुद ही उस व्यक्ति की नागरिकता खत्म हो जाती है।