गाजीपुर (काशीवार्ता)। जिलाधिकारी एमपी सिंह इस समय एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित एडेड प्राइमरी एवं जूनियर हाईस्कूल में हुए करीब सौ शिक्षकों की भर्ती के संबंध में रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने काशीवार्ता की खबर का संज्ञान लेते हुए कहा है कि 2012 से लेकर 2021 के बीच हुए भर्ती से जुड़े समस्त शिक्षकों की भर्ती के दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं। सभी की जांच एडीएम अरूण कुमार सिंह की अध्यक्षता में पूर्व से गठित कमेटी करेगी। डीएम के इस फरमान के बाद विभाग में खलबली मची हुई है। काशीवार्ता ने खुलासा किया था कि 2012 से लेकर 2021 के बीच बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित एडेड स्कूलों में करीब 100 शिक्षकों की नियुक्ति तत्कालीन बीएसए चंद्रकेश यादव, अशोक यादव एवं श्रवण गुप्ता ने की थी। इनके हस्ताक्षर से हुए अनुमोदन के नाम पर करोड़ों वसूले गए थे। इसमें विभागीय लिपिक की बड़ी भूमिका थी। एक नियुक्तियों में विद्यालय को देखकर रिश्वत की बोली लगती थी। अगर जो स्कूल पैसा देने में सक्षम नहीं थे तो विभागीय अधिकारी एवं लिपिक अपने खास को शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी के पद पर नियुक्त करके लाखों डकारते थे। इस नियुक्ति की सबसे बड़ी बात यह रही कि अधिकांश कर्मचारियों के अभिलेख ही फर्जी हैं। टेट से लेकर अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्रों में जमकर गड़बड़झाला किया है। यही वजह रही कि किसी के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच कराना विभाग ने उचित नहीं समझा। इन्हें सेटिंग के बूते वेतन भुगतान किया जा रहा है। धुस्का जूनियर हाईस्कूल इसका जीता जागता उदहारण है। यहां पर तीन शिक्षकों की नियुक्यिं की गईं। सभी से प्रबंधक, बीएसए एवं संबंधित लिपिक ने धनराशि वसूल की। अब मामला खुलने पर डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने साफ लहजे में कहा है कि अगर विभागीय लिपिक ने किसी के दस्तावेज में हेराफेरी की तो सीधे मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा। डीएम का फरमान विभाग में आते ही विभाग में खलबली मची हुई है। सबसे अधिक खलबली उन शिक्षकों में मची है जिन्होंने लाखों रुपए खर्च करके नौकरी हथिया ली थी। अब उनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। डीएम के आदेश के बाद बीएसए ने संबंधित पटल सहायक से संपूर्ण अभिलेख की एक फाइल बनाने को कहा है। सभी की फाइल तैयार होने के बाद उसे डीएम कार्यालय भेजा जाएगा। फिर जांच होगी। मौजूदा बीएसए हेमंत राव का कहना है कि शिक्षकों की भर्ती से जुड़े अभिलेख संबंधित लिपिक से मांगे गए हैं।