(डा.के.के.शर्मा)
वाराणसी(काशीवार्ता)। अब बंदरों के आतंक से निजात पाने के लिए नगर वासियों को वन विभाग के परमिशन की आवश्यकता पड़ेगी। फिलहाल, नगर निगम ने बंदर पकड़ने का काम बंद कर दिया है। अब इससे आम नागरिको मुश्किलें बढ़ती है तो अपनी बला से। इस बाबत पूछे जाने पर नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डा. ए पी सिंह ने काशीवार्ता को बताया कि वन विभाग से बंदरों को पकड़ने के लिए सिर्फ़ 200 बंदरों की परमिशन दी गई थी। अभी शहर में 3000 बंदर ऐसे हैं, जिन्हें पकड़ना अति आवश्यक है, ये किसी को भी हानि पहुँचा सकते हैं।इन्हें पकड़ने के लिए वन विभाग को अनुमति पत्र भेज दिया गया है। परमिशन मिलने के बाद ही अब बंदरों को पकड़ने की आगे की कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब है कि एक 1000 रुपया प्रति बंदर के हिसाब से बंदर पकड़ने के लिए नगर
निगम ने सालभर का टेंडर किया है। मथुरा से आई टीम के द्वारा बंदरों को पकड़ने का काम किया जाना है। वहीं परमिशन न मिलने पर टीम के सामने बेरोजगारी की समस्या खड़ी हो गई है। इस संदर्भ में काशीवार्ता ने जब नवागत डीएफओ संजय शर्मा से बात की तो उनका कहना था उनके संज्ञान में अभी ऐसा कोई पत्र नहीं आया है। जहां तक की बात है तो वन विभाग ने नगर निगम को बंदर पकड़ने से मना नहीं किया है।नगर निगम चाहे तो 200 की जगह 500 बंदर पकड़ने का परमिशन ले सकता है उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। विचारणीय प्रश्न यह है कि पूरा शहर कटखने बंदरों से त्रस्त है और निगम का पशुपालन विभाग परमिशन के चक्कर में हाथ पर हाथ धरे बैठा है।