सबसे ज्यादा शिकायत जलकल की दूसरे नंबर पर है स्वास्थ्य विभाग


वाराणसी (काशीवार्ता)। जन समस्याओं से त्वरित निस्तारण के लिए शासन द्वारा शुरू किए गए टोल फ्री न.1533 की सेवाएं नगरवासियों के लिए बहुत प्रभावी सिद्ध नहीं हो रही हैं जिसके चलते जनता को बाध्य होकर उच्चाधिकारियों के यहां चक्कर लगाना पड़ रहा है। इस दुर्व्यवस्था से खिन्न अपर नगर आयुक्त दुष्यंत कुमार ने संबंधित विभागों को चेतावनी दी है। गौरतलब है कि शासन द्वारा यह निरंतर प्रयास किया जाता रहा है कि आम जनता की समस्याओं का तत्काल निस्तारण हो लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। शिकायत करने के बाद भी शिकायतकर्ता को यह नहीं पता चल पाता कि उसकी समस्या का समाधान कब होगा और उसका प्रार्थना पत्र कहां है।इस संदर्भ में जब ‘काशीवार्ता’ ने सिटी कमांड कंट्रोल रूम में 2 महीने के अंदर दर्ज शिकायतों के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि जलकल विभाग से संबंधित सर्वाधिक शिकायतें आई हैं ।दूसरे नंबर पर स्वास्थ्य विभाग,तीसरे नंबर पर सामान्य विभाग है। जलकल में 421, स्वास्थ्य विभाग में 213, सामान्य इंजीनियरिंग विभाग में 122 शिकायतें दर्ज कराई गई।इसके अलावा जल निगम में 42,जल भराव से संबंधित 12, स्मार्ट सिटी 9, आलोक विभाग की 142, अतिक्रमण की 23 ,पशु विभाग की 48,उद्यान की 14 शिकायतें आई हैं।इस माह में कुल समस्याओं की संख्या 1046 है। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का कहना है इसमें से 969 शिकायतें निस्तारित कर दी गई है बची हुई शिकायतों की संख्या 77 है। काशीवार्ता प्रतिनिधि ने इस बाबत प्रभारी शिकायत नगर आयुक्त दुष्यंत कुमार से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि निस्तारण का आदेश जारी किया गया है।वहीं दूसरी ओर विभागीय सूत्रों के अनुसार नगर निगम में कर्मचारी रोज सेवानिवृत्त हो रहे हैं। लेकिन नई भर्ती न होने से कार्य प्रभावित हो रहा है। बात चाहे कुछ भी हो सच्चाई तो यह है कि जो कर्मचारी कार्यरत है वह भी काम करना नहीं चाहता।