लखनऊ, । नागरिकता संशोधन कानून (सीएएन) के खिलाफ मोर्चा खोलने वालीं मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है। मंगलवार को सुमैया राणा समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर लिया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में उनको सदस्यता दिलवाई।
अखिलेश मंगलवार ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा और बसपा के गोंडा से सांसद प्रत्याशी मसूद आलम को समाजवादी पार्टी ज्वाइन कराया। सुमैया राणा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर पर मोर्चा खोलने के बाद सुर्खियों में आई थीं। इस मौके पर आयोजित पत्रकार वार्ता में अखिलेश ने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक बदलाव होगा। यह सरकार जब तक नहीं जाएगी तब तक लोकतंत्र नहीं बच सकता है।
वर्ष 2022 में छोटे दलों के लिए दरवाजे खुले रखेगी सपा : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा छोटे दलों के लिए दरवाजे खुले रखेगी। सपा लगातार छोटे दलों को जोड़ रही है। साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान किया कि सपा की सरकार बनने पर सीएए व एनआरसी के विरोध में आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। भाजपा सरकार विरोध में उठने वाली विपक्ष की आवाज दबाने के लिए झूठे मुकदमे लगा रही है।
बसपा से पूर्व नेता भी सपा के साथ : बसपा से निष्कासित दो नेताओं ने भी मंगलवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इनमें सांसद प्रत्याशी मसूद खां व पूर्व विधायक रमेश गौतम हैं। अखिलेश ने इनके करीब अपने 200 समर्थकों को भी सपा ज्वाइन कराई।
कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नया कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है। किसान आंदोलन में समाजवादी पार्टी ने लगातार सक्रिय भूमिका निभाई है। देश में इतने मुकदमे किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं पर नहीं लगे होंगे जितने सपा नेताओं पर इस आंदोलन के दौरान लगे। सपा सरकार एक्सप्रेस-वे के किनारे जो मंडिया बना रही थी उसका काम इस सरकार ने बंद करवा दिया है। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि किसानों को दोगुनी आय के बराबर न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाए।
सुमैया राणा ने किया था सीएए का विरोध : लखनऊ के घंटाघर पर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान मुख्य भूमिका में रहीं सुमैया राणा लगातार राज्य की योगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं। जब से नागरिकता से जुड़ा नया कानून लाया गया है तब से ही वह केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करती रही हैं। उनके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई भी कर चुकी है। इसी साल नवंबर महीने में उन्हें घर में नजरबंद भी किया गया था। अब जबकि यूपी में 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं तह सुमैया राणा ने समाजावादी पार्टी के साथ जाकर राजनीतिक पारी शुरू करने का फैसला किया है।