वाराणसी (काशीवार्ता)। मातृभूमि की सेवा करते हुए हंसते-हंसते अपने जान की कुबार्नी देने वाले जाबांज बहादुर सैनिकों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि वे हुक्मरानों के लिए वे सिर्फ एक इस्तेमाल की चीज हैं। क्योंकि मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीर गति को प्राप्त शहीद जवानों के परिजनों से किये गए वायदे अभी तक क्यों नही पूरे हुए। ऐसा ही एक मामला पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र के चौकाघाट से जुड़ा है। 28 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर इलाके में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर क्रैश में बनारस का लाल विशाल पाण्डेय शहीद हो गया। शहीद विशाल पाण्डेय की शहादत पर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने परिजनों से वादा किया था कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द अमर विशाल पाण्डेय की स्मृति में प्रतिमा लगवाएगी तथा उनके नाम से उनके घर तक आने के लिए सड़क व द्वार बनवाएगी। उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के साथ ही मंत्री अनिल राजभर व मंत्री नीलकण्ठ तिवारी भी मौजूद थे। परन्तु दो वर्ष से ज्यादा समय व्यतीत होने के बाद भी परिजनों से किया गया वायदा केवल अखबारों की सुर्खियां बनकर रह गया। विदित हो कि 2019 में जब विशाल पाण्डेय की शहादत हुई थी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी अमर शहीद विशाल पाण्डेय के घर आयीं थीं। उस वक्त उन्होंने अमर शहीद विशाल पांडेय के परिजनों से वायदा किया था कि वह उनकी बड़ी बहन को पढ़ाएंगी और प्रियंका गांधी अपने किये वायदे के अनुसार विशाल पांडेय की बहन को पढा रही हैं। रक्षाबंधन के पर्व पर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व विधायक अजय राय एवं जिला एवं महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, राघवेंद्र चौबे एवं छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष व पार्षद शैलेन्द्र सिंह के नेतृत्व में शहीद विशाल पांडेय के घर पहुंच कर शहीद विशाल पाण्डेय की बहनों से राखी बंधवाया।