अब अंसारी बंधुओं के गढ़ से चंचल को मिलेगी चुनौती


(अजीत सिंह)
गाजीपुर(काशीवार्ता)। अब अंसारी बंधुओं के गढ़ मुहम्मदाबाद से एमएलसी विशाल सिंह चंचल को चुनौती मिलेगी। मजबूती से टक्कर देने के लिए जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन रामधारी यादव ने सपा से दावेदारी ठोंकी है। पिछले दिनों अखिलेश से मिलकर आए रामधारी ने मतदाताओं को रिझाना शुरू कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि विस्तृत चर्चा के लिए अखिलेश उन्हें लखनऊ यथाशीघ्र बुलाएंगे। अगर रामधारी चुनाव लड़ते हैं तो अंसारी बंधुओं को उनका मजबूती से साथ देना पड़ेगा। वरना विधानसभा चुनाव में यदुवंशियों ने नजरें फेर ली तो उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
भाजपा एमएलसी विशाल सिंह चंचल को आगामी नवम्बर माह में होने वाले एमएलसी चुनाव में अभी तक कोई टक्कर देने वाला नेता सामने नहीं आया था। इसको लेकर एमएलसी खेमा काफी गदगद था। समाजवादी पार्टी में भी एमएलसी चुनाव पर बहस छिड़ी हुई थी। कार्यकतार्ओं की डिमांड थी कि योगी सरकार को ललकारने वाले पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह एवं पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह चंचल को चुनौती देने के लिए एमएलसी चुनाव लड़ें। लेकिन दोनों बड़े नेताओं की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। सपा के सूत्रों की मानें तो इन नेताओं ने सीधे तौर पर कह दिया है कि वह एमएलसी चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव दिखाई दे रहा है। इन नेताओं के इंकार के बाद सपा में सियासी तुफान पूरी तरह से थम चुका था। मगर बीते दस सितंबर को लखनऊ पहुंचे मुहम्मदाबाद विधानसभा के बहादुरपुर गांव निवासी एवं जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन रामधारी यादव ने अखिलेश यादव से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई। इस पर अखिलेश ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आप तैयारी करो। हर स्तर पर सहयोग होगा।
अखिलेश ने एक बार फिर उन्हें समय लेकर मिलने के लिए कहा है। समाजवादी पार्टी के निर्माण से दल का झंडा ऊंचा करने वाले रामधारी यादव यदुवंशी मतदाताओं के साथ ही भाजपा में भी सेंधमारी करना शुरू कर दिए हैं। समझदार एवं जनाधार वाले नेता रामधारी यादव ने ग्राम प्रधान एवं बीडीसी सदस्यों का समर्थन लेने के लिए उनके यहां बैठक भी करने लगे हैं। जिला सहकारी बैंक के दो बार चेयरमैन रहे रामधारी यादव अपने ही पार्टी के बड़े नेताओं के लिए आने वाले दिनों में चुनौती भी बनेंगे।
सूत्रों की मानें तो रामधारी के मैदान में उतारने के बाद कोई भी समाजवादी नेता जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव जैसा सेंधमारी नहीं कर पाएगा। क्योंकि इन नेताओं की अखिलेश के यहां पेशी होगी। उन्हें जिम्मेदारी मिलेगी। साथ ही यह भी वादा अखिलेश के सामने करना होगा कि अगर भितरघात हुआ तो विधानसभा चुनाव में पत्ता भी साफ हो सकता है। रामधारी मुहम्मदाबाद से लेकर सैदपुर तक चंचल को ललकारने का एलान करके सियासी हलचल मचा दिए हैं। वैसे अंसारी बंधु सपा प्रत्याशी का साथ देंगे, या फिर किसी और का। इस पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है।