नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जंग के लिए देश तैयार है। मोदी सरकार की ओर से तमाम जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने आयुष्मान भारत योजना में कोरोना वायरस के पैकेज को जोड़ने का फैसला किया है। सभी लाभार्थियों को आयुष्मान भारत के मौजूदा मानदंडों के अनुसार शामिल किया जाना है। दरअसल, बीते कुछ दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। देशभर में अब तक मरीजों की संख्या 511 हो गई है, जिसमें से 10 लोगों की मौत हो गई है और 44 ठीक हो चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने कहा था कि कोरोना से लड़ने का एक ही उपाय है- टेस्ट, टेस्ट, टेस्ट। कोरोना का टेस्ट को करने के लिए मौजूदा समय में 111 लैब काम कर रहे हैं।
सरकार ने प्राइवेट लैब से भी हाथ मिलाया है, ताकि इस वायरस से लड़ा जा सकता है, लेकिन सवाल उठ रहा था कि प्राइवेट लैब में कोरोना का टेस्ट काफी महंगा पड़ेगा, जिसका बोझ आम आदमी न उठा पाए। ऐसे में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। अब इसमें कोरोना से इलाज को जोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है कि सरकार प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर लैब की संख्या और बढ़ा सकती है।
ताकि कोरोना के संदिग्धों का जल्द से जल्द इलाज हो और यह बीमारी फैलने से रोकी जा सके। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस फैलने के दौरान दुनिया के अलग-अलग कोनों से 14 लाख लोग भारत आए हैं। अभी हमारे क्वारनटीन सेंटर में 8000 लोग हैं। यही वजह है कि हम लोगों से कह रहे हैं कि वह अपने घर में रहें और बाहर न निकलें।