(राकेश अग्रहरि)
ओबरा। जनपद में कई मेडिकल स्टोर पर संचालित हो रहे क्लिनिक की आड़ में प्रतिबंधित दवाइयां भी धड़ल्ले से बिक रही हैं, लेकिन औषधि नियंत्रक विभाग की तरफ से कार्रवाई करना तो दूर विभाग के अधिकारियों ने कभी इस तरफ ध्यान देने की गंवारा नहीं समझा। हैरत की बात है कि कई मेडिकल स्टोरों पर तो नशीली दवाइयां तक बिक रही हैं और इन दवाओं के बदले मेडिकल स्टोर संचालक मुंहमांगा दाम तक वसूल रहे हैं।समय समय पर विभाग को शिकायत भी की जाती रही है इसके बावजूद आज तक इस मामले में एक भी मेडिकल स्टोर के संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। प्रतिबंधित दवाइयां होने के बावजूद कई मेडिकल स्टोरों पर आसानी से मिल जाती हैं। कई दवा तो मेडिकल स्टोर संचालक डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं दे सकते हैं, लेकिन इस नियम की अनदेखी करकुछ लोग कर रहे है और धड़ल्ले से प्रतिबंधित दवाइयां भी बेच रहे हैं।
अधिकारियों के संरक्षण में चल रहा गोरखधंधा-खुलेआम मेडिकल स्टोर पर नशीली दवाइयों की बिक्री होने के बावजूद विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है। मेडिकल स्टोर संचालक टमार्डोल, एप्राजॉलेम, फेनारजन,कोडीन अन्य प्रतिबंधित दवाइयां धड़ल्ले से बेच रहे हैं। वहीं औषधि नियंत्रक विभाग इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।लोगों की माने तो अधिकांश मेडिकल स्टोर बिना फार्मासिस्ट के संचालित हो रहे हैं। स्टोर संचालकों ने फार्मासिस्ट का डिप्लोमा किराए पर ले लेते हैं, यदि कभी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा छापेमारी की जाती है तो स्टोर संचालक डिप्लोमा दिखा कर फार्मासिस्ट के छुट्टी पर होने की बात कर टीम को गुमराह कर देते हैं।वही प्रतिबंधित दवाइयों के खुलेआम बिक्री को लेकर ड्रग इंस्पेक्टर से बात करने पर जिले से बाहर होने व जल्द कार्यवाही की बात वह कर फोन काट दिया गया।