ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सरकारी अधिकारियों से किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों का प्रबंधन करते हुए देश में बाढ़ से प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य आपातकालीन परिचालन केंद्र एवं नियंत्रण कक्ष ने कहा कि देश के उत्तर-पश्चिमी और मध्य भागों में डूबने और सांप के काटने से सोमवार को कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है।
बाढ़ पूवार्नुमान एवं चेतावनी केंद्र (एफएफडब्ल्यूसी) ने सोमवार को कहा कि बांग्लादेश के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और 20 नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं।हसीना ने अपने आधिकारिक निवास ‘गणभवन’ से एक वर्चुअल बैठक में भाग लिया था, जबकि मंत्रियों और सचिवों ने बांग्लादेश सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लिया था।
एफएफडब्ल्यूसी ने कहा कि देश के उत्तरी और उत्तर-पूर्वी जिलों में बाढ़ से हालात और बिगड़ने की आशंका है, क्योंकि पड़ोसी देश भारत के पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 24 घंटों के दौरान कुरीग्राम, गाईबांधा, बोगुरा, जमालपुर, नौगांव, नटोर, सिराजगंज, तंगली, मानिकगंज, मुंशीगंज, मदारीपुर, फरीदपुर, चांदपुर, राजबारी, ढाका, शरीयतपुर, और ब्राह्मणबाड़िया में हालात ऐसे ही बने रहने के आसार हैं।
सूत्रों के अनुसार, 30 जून से 25 जुलाई तक देश के 21 जिलों में 119 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा 98 लोगों की डूबने से, 13 की सांप काटने से और 6 की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से और 1 की मौत अन्य कारणों से हुई। साथ ही कुल 10,084 लोग विभिन्न बीमारियों से संक्रमित हुए हैं।
हसीना ने संबंधित अधिकारियों को जलप्रलय के बाद बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए पहले से तैयारी करने को कहा है। उन्होंने कृषि मंत्री से ‘अमोन’ और ‘रोपा अमोन’ (टी अमन) नाम के विशेष धान के अधिक उत्पादन के लिए बाढ़ का फायदा उठाने के लिए कहा है।
हसीना ने कोरोना महामारी के बीच राहत सामग्री वितरीत करने को लेकर अधिकारियों से सतर्क रहने को भी कहा है। उन्होंने सरकारी अधिकारियों से कहा, “अगर बाढ़ वाली स्थिति लंबे समय तक रहती है तो हर प्रकार की सहायता को बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाना होगा।