पर्यटन घोटाले में पूर्व मंत्री की भी फंसेगी गर्दन


(अजीत सिंह)
गाजीपुर (काशीवार्ता)। जमानियां विधानसभा में पर्यटन के विकास के नाम पर आए करोड़ रुपए के घोटाले में अब विधायक एवं पूर्व पयर्टन मंत्री ओपी सिंह के खिलाफ भी जांच होगी। अगर जांच हुई तो उनकी गर्दन फंसनी तय है। क्योंकि जिस सेवराई गांव के ओपी सिंह निवासी हैं वहां पर भी तालाब के सुन्दरीकरण के नाम पर जमकर घपला हुआ और मंत्री देखते रह गए। पूर्व विधायक सुनीता सिंह ने पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कहा कि सात करोड़ का प्रथम घोटाला पूर्व मंत्री की जानकारी में हुई है। सभी ठेकेदार उनके चहेते थे। खूब कमीशनखोरी हुई। अब ईओडब्ल्यू इसकी जांच कर रही है। कइयों को जेल भेज चुकी है। अगर ठेकेदारों से सख्ती से पूछताछ हुई तो पूर्व मंत्री का असली चेहरा जनता के सामने आ जाएगा। पूर्व विधायक के इस खुलासे के बाद जिले की सियासत में एक बार फिर खलबली मची हुई है।


जमानियां विधायक ओपी सिंह वर्ष 2012 से 2017 के बीच अखिलेश सरकार में पयर्टन मंत्री थे। उन्होंने पयर्टन मंत्री रहते हुए जिले में पर्यटन के विकास के नाम पर करोड़ों का बजट गाजीपुर लेकर आए थे। उनके गांव सेवराई में चीर शाह का पोखरा, भदौरा में परमेन शाह का पोखरा, कामख्याधाम व देवकली स्थल के सौंदर्यीकरण के लिए पर्यटन विभाग से धन जारी किया था। ओपी सिंह की पसंद से उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को कार्यदायी संस्था नामित किया गया था। उनके कहने पर ही खास ठेकेदारों से कार्य कराए गए थे। कार्य मानक के अनुरूप व पूर्ण कराने की बजाय अफसरों व ठेकेदारों ने करोड़ों रुपए हजम कर लिया था। जब 2017 में भाजपा सरकार बनी और जमानियां से सुनीता सिंह विधायक निर्वाचित हुईं तो उन्होंने इस प्रकरण की जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री को अनुरोध पत्र दिया। इसके बाद सीएम के निर्देश पर इसकी जांच अभियंताओं की टीम ने सभी कार्यों का स्थलीय सत्यापन करके जांच रिपोर्ट तैयार की थी। जांच रिपोर्ट के बाद
महानिदेशक पर्यटन ने कार्यदायी संस्था को पत्र लिखकर 699.40 लाख रुपये 15 दिन में जमा करने का समय दिया था, लेकिन कार्यदायी संस्था ने जमा नहीं किया। इसके बाद तत्कालीन सहायक निदेशक पर्यटन विंध्याचल मंडल वाराणसी (अब आगरा) अविनाश चंद्र मिश्र ने दो सितंबर 2017 को राजकीय निर्माण निगम के अफसरों व ठेकेदारों सहित 23 लोगों के खिलाफ गहमर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद यह जांच सुनीता सिंह की मांग पर ईओडब्ल्यू वाराणसी को स्थानांतरित कर दी गई। ईओडब्ल्यू ने आजमगढ़ से कंट्रक्शन सप्लायर्स के मालिक राम प्रसाद यादव निवासी शाहवानीपुर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।