संसद के मॉनसून सत्र में इस बार प्रश्नकाल नहीं होगा. इस मसले पर विपक्ष की ओर से लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा का कहना है कि संसदीय लोकतंत्र के लिए इससे अशुभ और खतरनाक संकेत नहीं हो सकता है.
मनोज झा ने कहा कि अगर प्रश्नकाल नहीं है तो संसदीय लोकतंत्र की आत्मा मर जाएगी. उन्होंने कहा कि कितने सवाल देश में हैं, लोगों के सरोकार से जुड़े सवाल हैं. सांसद बोले कि कोरोना की वजह से लोगों की जानें जा रही है यह सवाल तो पूछना ही पड़ेगा. सरहद के हालात पर सवाल ना पूछे जाएं, मिसमैनेजमेंट को लेकर सवाल ना पूछे जाएं, यह हर एक सदस्य का संसदीय राइट है कि वह सवाल पूछे.
फैसले पर आपत्ति जताते हुए मनोज झा बोले कि जीरो ऑवर को आधे घंटे का कर दिया गया है, इसमें स्थानीय और अपने जनता से जुड़े हुए सवालों को पूछा जाता था. लेकिन इसमें यह सब अब नहीं हो पा रहा है, संसदीय जड़ों को खत्म करने का यह पूरा प्लान है.
RJD नेता ने मनोज झा ने कहा कि क्या प्रश्नकाल करोना का संक्रमण फैला देगा. कोई मुझे यह बताए कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? उन्होंने कहा कि उसका समय कम कर देना चाहिए था लेकिन होना जरूर चाहिए. सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आप नई परंपरा के लोग हैं, आप अपने हिसाब से काम करते हैं लेकिन सवाल नहीं होगा तो संसद कैसे काम करेगी.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस संकट की वजह से इस बार संसद के मॉनसून सत्र में काफी बदलाव किए गए हैं. 14 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वाले सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा, शून्य काल में कम वक्त होगा. बैठने की व्यवस्था भी अलग होगी. प्रश्नकाल ना होने के कारण कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने सरकार को घेरा है.