श्रीलंका की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। कभी अपनी खूबसूरती के लिए श्रीलंका दुनिया में जाना चाहता था लेकिन आज वह बर्बादी की कगार पर है। श्रीलंका की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। महिंदा राजपक्षे की जगह रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। जिसके बाद इस बात की उम्मीद जगी थी कि शायद कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है। हालांकि यह होता दिखाई नहीं दे रहा है। श्रीलंकाई प्रधानमंत्री की ओर से सोमवार देर रात एक के बाद एक कई ट्वीट किए गए। ट्वीट के जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि देश की वास्तविक आर्थिक हालात लगातार खराब होती जा रही है।
श्रीलंका में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि पेट्रोल का सिर्फ 1 दिन का स्टॉक देश के पास बचा हुआ है। इस बात की जानकारी खुद प्रधानमंत्री को की ओर से दी गई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि मैं अलग से अपने देश को संकट ग्रस्त होने से बचाना है और इसके लिए मैं लगातार प्रयासरत हूं। उन्होंने कहा कि कल पहुंचे डीजल के खेप के कारण डीजल की कमी कुछ हद तक हल हेा गयी है। भारतीय ऋण सुविधा से डीजल के दो और खेप 18 मई और एक जून तक पहुंचने वाले हैं। इसके आलवा, पेट्रोल के दो खेपों के 18 एवं 29 मई को आने की संभावना है। अगले 40 दिनोंके लिएमें कच्चे तेल एवं भट्ठी तेल श्रीलंका की समुद्री सीमा में खड़े कर लिये गये हैं। हम इन खेपों का भुगतान करने के लिए खुले बाजार से डॉलर जुटाने में लगे हैं।
विक्रमसिंघे ने कहा कि पूरी बैंकिंग प्रणाली डॉलर की कमी से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि अन्य गंभीर चिंता दवाइयों की कमी है। उन्होंने कहा कि हृदय संबंधी दवा समेत कई दवाइयों एवं सर्जिकल उपकरण की भारी कमी है। दवाओं, चिकित्सा आपूर्ति एवं मरीजों के लिए भोजन के वास्ते चार महीनों के लिए भुगतान नहीं किये गये हैं। उनके प्रति भुगतान राशि 34 अरब रूपये (श्रीलंकाई)है।’’ उन्होंने कहा कि अभी हमें और मुश्किल स्थिति का सामना करना होगा। संभावना है कि महंगाई और बढे। उन्होंने कहा कि 2022 के विकास बजट के स्थान पर राहत बजट पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इन दिनों बहुत घाटे में चल रही श्रीलंका एयरलाइंस का निजीकरण का प्रस्ताव रखेंगे।