बीएचयू में प्लाज्मा थेरेपी शुरू


वाराणसी। जनपद में कोरोना मरीजों की बढ़ती मौत से अब शायद राहत मिलने वाली है। बीएचयू में प्लाज्मा थेरेपी की आज से शुरूआत हो गई है। कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव आये लोग अपना ब्लड डोनेट करके गम्भीर मरीजों को बचा सकते हैं। यह फैसला बीएचयू में हुई बीएचयू प्रशासन और कमिश्नर व जिलाधिकारी की बैठक में हुई। बैठक में अस्पताल परिसर में स्थित अमृत और उमंग फार्मेसी में कोरोना मरीजों के लिए रेमदेसीविर दवाई उपलब्ध कराने के बारे में भी चर्चा की गई। अमृत फार्मेसी एवं उमंग फार्मेसी को इस बारे में कंपनी को फॉर्मेट में अप्लाई करने के लिए निर्देशित किया गया है, जिसके बाद रेमदेसीविर की उपलब्धता आने वाले कुछ दिनों में बीएचयू के ही मेडिकल स्टोर पर हो जाएगी। यह दवाई मरीजों को अपनी धनराशि से खरीदनी होगी। वर्तमान में इसकी उपलब्धता वाराणसी में नहीं है और इसे दिल्ली से मरीजों को खरीदना पड़ता है । यह भी निर्णय हुआ कि सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल जो कोविड हेतु संरक्षित किया गया है, उसे पूरी क्षमता पर चलाया जाए। इसके लिए मैन पावर व अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था कर ली जाये। बैठक में सैंपल टेस्टिंग की गति बढ़ाने तथा ज्यादा सैंपल टेस्ट करने के लिए धनराशि की आवश्यकता हो तो उसकी मांग भी उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया गया ताकि एसडीआरएफ फंड से यह धनराशि बीएचयू को उपलब्ध कराई जा सके। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि प्लाजमा थेरेपी के लिए कोरोना पॉजिटिव कोई भी मरीज जो वर्तमान में नेगेटिव हो गया हो और जिसके पहले सैंपल से 28 दिन पूर्ण हों, गए हो वह व्यक्ति काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ब्लड बैंक में जाकर अपना ब्लड डोनेट कर सकता है। इस ब्लड से प्लाज्मा को अलग करके यह प्लाज्मा गंभीर मरीजों को चढ़ाया जाएगा जो वेंटिलेटर पर हैं और जिनकी हालत बहुत क्रिटिकल है। अत: ऐसे सभी लोगों से अपील है कि जो भी कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हैं और 28 दिन की श्रेणी में आते हैं, वे बढ़-चढ़कर अपना रक्तदान करें और अपने प्लाज्मा डोनेशन के माध्यम से लोगों के जीवन की रक्षा करें।