पीएम, सीएम को पत्र के बाद जागा लोक निर्माण विभाग


गाजीपुर (काशीवार्ता)।गाजीपुर के मोहम्दाबाद तहसील का ऐतिहासिक शेरपुर गांव जिसका नाम इतिहास के पन्नो में सन 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में देश की अगुवाई करने वाले के रूप में दर्ज है।डॉ शिवपूजन राय के नेतृत्व में गांव के आठ नौजवानों ने मोहम्दाबाद तहसील में तिरंगा फहराने के क्रम में हंसते हंसते अंग्रेजो की गोलियां सीने पर खाई परन्तु पीठ नहीं दिखाई। उसी शहीद गांव की सड़क निर्माण में गंभीर अनियमितता बरती जा रही है।जिससे ग्रामवासी आहत हैं।
कुंडेसर से शेरपुर को जोड़ने वाली 3.8 किलोमीटर लंबी सड़क में मानकों की घोर उपेक्षा से आहत ग्रामवासियों ने जब मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को शिकायती पत्र लिखा तब पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की कुंभकर्णी निद्रा टूटी।इसके बाद अधिशासी अभियंता से लगायत नीचे के कर्मचारियों की आवाजाही शुरू हुई। उल्लेखनीय है कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार दुर्गेश उपाध्याय भी इसी गांव के निवासी हैं।उन्ही के प्रयासों से सड़क चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण का 4 करोड़ 18 लाख का बजट लगभग 4 महीने पहले स्वीकृत हुआ।लेकिन अज्ञात कारणों से निर्माण शुरू होने में काफी विलंब हुआ।जब बरसात शुरू हुई तो पीडब्ल्यूडी ने निर्माण शुरू कराया।आरोप है कि निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।पुरानी सड़क को उखाड़ कर उसी गिट्टी को दुबारा बिछाया जा रहा है।गिट्टी भी कहीं मोटी तो कहीं पतली डाली जा रही है।न सड़क की ढाल का ख्याल रखा जा रहा है न रोलर ठीक से चलाया जा रहा है।बरसात में तारकोल कैसे गर्म कर बिछाया जाएगा यह भी समझ से बाहर है।पटरी निर्माण में भी अनियमितता बरती जा रही है।पूछने पर ठीकेदार का एक ही जबाब है कि जो पूछना है पीडब्ल्यूडी से पूछिए। जब निचले स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हुई तो गांव के कुछ प्रबुद्ध नौजवानों ने पीएम,सीएम को आॅनलाइन पिटीशन दी।सोशल मीडिया के माध्यम से भी अनियमितता को उजागर किया। विधायक अलका राय तथा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने 4 महीने पहले सड़क निर्माणकार्य का शिलान्यास किया था।आश्चर्यजनक रूप से सड़क घोटाले पर दोनो जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए हैं। गांव के डॉ. प्रशांत राय,डॉ. संतोष राय,शिवम उपाध्याय,डॉ विजय राय,मदन दुबे,आलोक राय(डब्बू नेता), अनिल राय मास्टर,आनंद राय पहलवान आदि जागरूक नागरिकों ने घटिया निर्माण पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और चेतावनी दी है कि अगर मानक के विपरीत कार्य हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।