PM Modi बोले- हमारी सरकार न जाति देखती है और न ही धर्म, बिना भेदभाव के लोगों तक पहुंचाती है योजनाओं का लाभ


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में लगभग 4,400 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं सभी लाभार्थियों को एक बार फिर बहुत बहुत बधाई देता हूं, विशेष तौर पर उन बहनों को जिन्हें आज अपना पक्का घर मिला है। उन्होंने कहा कि गुजरात में फिर से भाजपा सरकार बने कुछ ही महीने हुए हैं, लेकिन विकास ने जो गति पकड़ी है उसे देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए देश का विकास एक Conviction है, commitment है। उन्होंने कहा कि आज हमारी सरकार हर अभाव को दूर करते हुए, हर गरीब तक खुद पहुंचने का काम कर रही है। लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए हमारी सरकार न जाति देखती है और न ही धर्म देखती है। क्योंकि मैं सोचता हूं कि जहां कोई भेदभाव नहीं है वहीं तो सच्चा secularism है।

मोदी ने कहा कि पुरानी विफल नीतियों के साथ आगे बढ़ने से न तो देश का भाग्य बदल सकता है और न ही देश सफल हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों और आज की सरकार के दृष्टिकोण और दृष्टिकोण में बहुत अंतर है। हम वास्तव में गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि घर सिर्फ सिर ढकने की जगह भर नहीं होती है… घर एक आस्था का स्थल होता है। जहां सपने आकार लेते हैं, जहां एक परिवार का वर्तमान और भविष्य तय होता है। इसलिए 2014 के बाद हमने गरीबों के घर को सिर्फ एक पक्की छत तक सीमित नहीं रखा, बल्कि हमने घर को गरीबी से लड़ाई का एक ठोस आधार बनाया। उन्होंने कहा कि ‘पीएम आवास योजना’ गरीबों के साथ महिला सशक्तिकरण को भी बहुत बड़ी ताकत दे रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में करीब-करीब 4 करोड़ पक्के घर गरीब परिवारों को मिल चुके हैं। इनमें करीब 70% घर महिला लाभार्थियों के नाम पर हैं। उन्होंने कहा कि पहले real estate सेक्टर में मनमानी चलती थी, धोखेबाजी की शिकायत आती थी। मध्यम वर्ग के परिवारों को सुरक्षा देने के लिए कोई कानून नहीं था। हमने एक रेरा कानून बनाया, इससे मध्यम वर्ग के परिवारों को सुरक्षा मिली है। उन्होंने कहा कि गरीब हो या मध्यम वर्ग, लोगों के लिए जीवन की गुणवत्ता तभी संभव है जब उन्हें रहने के लिए शुद्ध और स्वच्छ वातावरण मिले; उसी को सुनिश्चित करने के लिए हमारा देश एक मिशन मोड पर है! 2014 में देश में केवल 14-15% कचरा प्रसंस्करण होता था जबकि आज यह 75% है।