तालाबों के जरिए करें उद्यमिता का सृजन


वाराणसी (काशीवार्ता)। देश के जाने.माने पर्यावरणविद रामवीर तंवर ने कहा कि व्यावसायिक उद्यमों के निर्माण में सामाजिक परिवर्तन का योगदान महत्वपूर्ण होता है। एक उद्यमी समाज में नये नैतिक और सामाजिक मूल्यों के माध्यम से अपनी नीतियों लक्ष्यों व आदर्शों की स्थापना करता है। तालाबों में मत्स्य पालन करके हम सिर्फ बड़ा उद्यम स्थापित कर सकते हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में योगदान भी दे सकते हैं। वे शुक्रवार को पहड़िया स्थित अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेंट में एमवीए के स्टूडेंट के बीच व्याख्यान दे रहे थे। पॉन्डमैन के नाम से मशहूर तंवर ने स्टूडेंट को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि तालाबों के जरिए उद्यमिता का सृजन करें। ये तालाब किसी भी समाज की आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के सहयोग के बिना आप गांव में जाकर तालाब को पुनर्जीवित नहीं कर सकते। वह गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर और सहारनपुर जिले में अब तक 40 तालाबों की सफाई करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि तालाबों को अच्छा बनाकर मत्स्य पालन और कृषि उद्यम को बढ़ावा दिया जा सकता हैं। स्टूडेंट अगर इस दिशा में काम करें तो उन्हें नौकरी के लिए शहरों में नहीं भागना पड़ेगा। उनका स्वागत एमवीए के डीन प्रो.सीपी मल्ल ने किया। कार्यक्रम के अंत में विभागध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने स्मृति चिह्न और साल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री पल्लवी सिंह ने किया। इस मौके पर अमित कुमार सिंह, विकास गुप्ता, प्रीति रायए विनय कुमार तिवारी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।