ईरान के राष्ट्रपति बोले, वैज्ञानिक की हत्या से नहीं थमेगा परमाणु कार्यक्रम


ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि देश के वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक की हत्या से देश के परमाणु कार्यक्रम की रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी.

शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की हत्या के लिए हसन रूहानी ने इसराइल पर आरोप लगाया और कहा कि ये कदम बताता है कि वो कितना परेशान हैं और हमसे कितनी घृणा करते हैं.

एक बयान जारी तक हसन रूहानी ने कहा फ़ख़रीज़ादेह की हत्या से जो जगह खाली हो गई है उसे उनके साथी और छात्र भरेंगे. उन्होंने कहा कि ये घटना वैज्ञानिकों और ईरानी युवाओं का हौसला तोड़ नहीं पाई है बल्कि उन्हें इसने और मज़बूत बनाया है कि वो देश की प्रगति का राह पर आगे बढ़ें.

इससे पहले ईरान ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव और सुरक्षा परिषद से अपने शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की हत्या की निंदा करने की अपील की थी.

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़ फ़ख़रीज़ादेह पर राजधानी तेहरान से सटे शहर अबसार्ड में बंदूकधारियों ने घात लगाकर हमला किया. हालांकि अब तक किसी हमलावर के पकड़े जाने की कोई ख़बर नहीं मिली है.

ईरान के संयुक्त राष्ट्र के लिए राजदूत माजिद तख्त रवांची ने कहा कि मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की हत्या अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसे क्षेत्र में अशांति फैलाने के मक़सद से अंजाम दिया गया.

वहीं संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने इस मामले में संयम बरतने की अपील की है.

रॉयटर्स के मुताबिक़, गुटेरेश के प्रवक्ता फरहान हक ने शुक्रवार को कहा, “हमने आज तेहरान के पास हुई एक ईरानी परमाणु वैज्ञानिक की हत्या की ख़बरों को नोट किया है. हम संयम बरतने और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने का आग्रह करते हैं जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है.”

अन्य ईरानी अधिकारियों ने इसराइल पर हत्या के आरोप लगाए हैं और बदला लेने की चेतावनी दी है.

इसराइल ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन वो पहले मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह पर एक गुप्त परमाणु हथियार कार्यक्रम का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगा चुका है.

क्या है पूरा मामला?

ईरान के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि उसके एक शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की हत्या कर दी गई है. हमले के बाद फ़ख़रीज़ादेह स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने फ़ख़रीज़ादेह की हत्या की निंदा करते हुए इसे ‘राज्य प्रायोजित आतंक की घटना क़रार दिया.’

पश्चिमी देशों की ख़ुफ़िया एजेंसियों का मानना है कि ईरान के ख़ुफ़िया परमाणु हथियार कार्यक्रम के पीछे मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह का ही हाथ था.

विदेशी राजनयिक उन्हें ‘ईरानी परमाणु बम के पिता’ कहते थे. ईरान कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण मक़सद के लिए है.

साल 2010 और 2012 के बीच ईरान के चार परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या की गई थी और ईरान ने इसके लिए इसराइल को ज़िम्मेदार ठहराया था.

कैसे हुई हत्या?

ईरान के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, “हथियारबंद आतंकवादियों ने रक्षा मंत्रालय के शोध और नवोत्पाद विभाग के प्रमुख मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह को ले जा रही कार को निशाना बनाया.”

मंत्रालय के मुताबिक़ आतंकवादियों और फ़ख़रीज़ादेह के अंगरक्षकों के बीच हुई झड़प में वो बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया लेकिन दुर्भाग्य से उनको बचाने की मेडिकल टीम की तमाम कोशिशें नाकाम रहीं.”

ईरान की समाचार एजेंसी फ़ारस के अनुसार चश्मदीदों ने पहले धमाके और फिर मशीनगन से फ़ायरिंग की आवाज़ सुनी थी.

एजेंसी के अनुसार चश्मदीदों ने तीन-चार चरमपंथियों के भी मारे जाने की बात कही है.

इसराइल का हाथ?

ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ ने ट्वीट कर कहा, “आतंकवादियों ने आज ईरान के एक प्रमुख वैज्ञानिक की हत्या कर दी है. ये बुज़दिल कार्रवाई, जिसमें इसराइल के हाथ होने के गंभीर संकेत हैं, हत्यारों की जंग करने के इरादे को दर्शाता है.”

ज़रीफ़ ने कहा, ”ईरान अंतरराष्ट्रीय समुदायों, ख़ासकर यूरोपीय संघ से गुज़ारिश करता है कि वो अपने शर्मनाक दोहरे रवैये को ख़त्म करके इस आतंकी कदम की निंदा करें.”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “ईरान एक बार फिर आतंकवाद का शिकार हुआ है. आतंकवादियों ने ईरान के एक महान विद्वान की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी है. हमारे नायकों ने दुनिया और हमारे इलाके में स्थिरता और सुरक्षा के लिए हमेशा आतंकवाद का सामना किया है. ग़लत काम करने वालों की सज़ा अल्लाह का क़ानून है.”

ईरानी सेना के इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने कहा है कि ईरान अपने वैज्ञानिक की हत्या का बदला ज़रूर लेगा.

इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के मेजर जनरल हुसैन सलामी ने कहा, “परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या करके हमें आधुनिक विज्ञान तक पहुँचने से रोकने की स्पष्ट कोशिश की जा रही है.”

मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह कौन थे?

मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह ईरान के सबसे प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक थे और आईआरजीसी के वरिष्ठ अधिकारी थे. पश्चिमी देशों के सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार वो ईरान में बहुत ही ताक़तवर थे और ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम में उनकी प्रमुख भूमिका थी.

इसराइल ने साल 2018 में कुछ ख़ुफ़िया दस्तावेज़ हासिल करने का दावा किया था जिनके अनुसार मोहसिन ने ही ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम की शुरुआत की थी.

उस समय नेतन्याहू ने प्रेसवार्ता में मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का प्रमुख वैज्ञानिक क़रार देते हए कहा था, “उस नाम को याद रखें.”

साल 2015 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह की तुलना जे रॉबर्ट ओपनहाइमर से की थी. ओपनहाइमर वो वैज्ञानिक थे जिन्होंने मैनहट्टन परियोजना की अगुवाई की थी जिसने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पहला परमाणु बम बनाया था.

इसराइल ने फ़ख़रीज़ादेह की हत्या पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.एफ़पीटीवी का एक वीडियो ग्रैब, जिसमें नेतन्याहू फ़ख़रीज़ादेह की तस्वीर दिखाते नज़र आ रहे हैं.

फ़ख़रीज़ादेह को निशाना क्यों बनाया गया?

बीबीसी कूटनीतिक संवाददाता पॉल ऐडम्स का विश्लेषण

ईरानी रक्षा मंत्रालय में रिसर्च ऐंड इनोवेंशन विभाग के प्रमुख के तौर पर मोहसिन फ़ख़रीज़ादेह निश्चित तौर पर एक अहम शख़्सियत थे. यही वजह है कि इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने दो साल पहले चेतावनी भरे लहजे में कहा था ‘उनका नाम याद रखिए’.

ईरान ने जबसे 2015 के परमाणु समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन शुरू किया, वो तेज़ी से आगे बढ़ा है. ईरान ने कम संवर्धन वाले यूरेनियम का भंडार इकट्ठा किया है और समझौते में तय हुए स्तर से ज़्यादा यूरेनियम का संवर्धन किया है.

ईरानी अधिकारी शुरू से ये कहते आए हैं कि संवर्धित यूरेनियम को नष्ट किया जा सकता है लेकिन शोध और विकास की दिशा में हुए कामों को मिटाना बेहद मुश्किल है.

इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) में ईरान के पूर्व राजदूत अली असग़र सुत्लानिया ने हाल ही में कहा था, “हम वापस पीछे नहीं लौट सकते.”

अगर फ़ख़रीज़ादेह वाक़ई ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए वाक़ई उतने महत्वपूर्ण थे जितना कि इसराइल अपने आरोपों में बताया आया है, तो उनकी हत्या शायद ये बताती है कि कोई ईरान के आगे बढ़ने की गति पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहा है.

अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद वो ईरान परमाणु समझौते में वापसी करेंगे. फ़ख़रीज़ादेह की हत्या ऐसी किसी संभावना को मुश्किल बनाने की एक कोशिश भी हो सकती है.