राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस पर विजेताओं को किया सम्मानित, जानिए नेशनल सर्विस स्कीम डे का इतिहास?


नई दिल्ली,  देश में हर साल राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस 24 सितंबर को मनाया जाता है। राष्ट्रपति रामना​थ कोविंद ने दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार (National Service Scheme Day)2019-20 कार्यक्रम में पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और निसिथ प्रमाणिक ने भी हिस्सा लिया। राष्ट्रपति रामना​थ कोविंद ने इस खास मौके पर कहा, जिस समाज में बेटियों को जीवन के हर क्षेत्र में उनकी चाहत, क्षमता और संभावना के अनुसार आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं, वही समाज असल में विकास और प्रगतिशील होता है। मुझे ये देखकर बहुत अधिक खुशी होती है कि समारोह में प्रदान किए गए 42 पुरस्कारों में से 14 पुरस्कार बेटियों को मिले हैं।

जानें नेशनल सर्विस स्कीम डे का इतिहास?

भारत में हर साल 24 सितंबर को राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस (एनएसएस दिवस) मनाया जाता है। राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना 24 सितंबर 1969 में की गई थी। महात्मा गांधी ने 1969 में नेशनल सर्विस स्कीम डे की शुरुआत की थी। जिसमें 37 संस्थानों के 40,000 छात्र स्वयंसेवक शामिल थे।

देश की आजादी के बाद एस राधाकृष्णन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शैक्षणिक संस्थानों में स्वैच्छिक राष्ट्रीय सेवा के कार्यान्वयन की वकालत की थी। वहीं केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड ने जनवरी 1950 में अपनी बैठक में विचार किया था। जिसके बाद सरकार ने 1952 में भारतीय छात्रों को एक वर्ष के लिए सामाजिक और श्रम कर्तव्यों का पालन करने की आवश्यकता जोर दिया था। 1958 में सभी मुख्यमंत्रियों को लिखे एक पत्र में, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्नातक की आवश्यकता के रूप में सामाजिक कार्य की अवधारणा की जांच की थी। उन्होंने शिक्षा मंत्रालय को एक सक्षम योजना विकसित करने का भी निर्देश दिया था।

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नेशनल सर्विस स्कीम डे का लोगो विश्व प्रसिद्ध कोणार्क सूर्य मंदिर के विशाल रथ चक्र से प्रेरित है। जिसमें पहिया समय और स्थान में जीवन की यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। पहिए की 8 छड़ें दजिन के 24 घंटे को दर्शाती है।