उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर मंदिर, मस्जिद, मजार तथा अन्य धार्मिक ढांचे बनाकर सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करने वालों को तीन साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है। राज्य विधि आयोग ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस विषय पर प्रस्तावित कानून का ड्राफ्ट सौंपा।
आयोग ने कहा है कि मात्र कार्यकारी आदेश जारी करने से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि इसमें दंड की व्यवस्था करते हुए पृथक से कानून बनाया जाए जैसा कि राजस्थान व मध्य प्रदेश सरकारों द्वारा बनाया गया है। आयोग ने इस विषय पर सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय तथा अन्य न्यायालयों के निर्णयों व यूपी, एमपी, राजस्थान, बिहार, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, गोवा, हिमांचल प्रदेश व त्रिपुरा के अधिनियम, नियमावलि व नीतियों का अध्ययन कर इस विषय पर पृथक कानून बनाने का प्रतिवेदन तैयार किया है।
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एएन मित्तल ने इस प्रतिवेदन के साथ प्रस्तावित कानून का प्रारूप मुख्यमंत्री को सौंपा। प्रस्तावित कानून के ड्राफ्ट में यह व्यवस्था भी दी गई है कि होली, मुहर्रम आदि के मौकों पर स्थलों के इस्तेमाल को सार्वजनिक स्थल पर किसी धार्मिक निर्माण की श्रेणी में नहीं माना जाएगा। ड्राफ्ट में कहा गया है कि प्रस्तावित कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन करने की दशा में तीन वर्ष तक की सजा व जुर्माना लगाया जा सकता है।