5 जनवरी, 2022 के पंजाब दौरे के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने जनवरी में पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में कथित चूक की जांच के आदेश मामले में पांच सदस्यीय समिति द्वारा दायर रिपोर्ट पढ़ी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पर्याप्त बल उपलब्ध होने के बावजूद वह (फिरोजपुर एसएसपी) ऐसा करने में विफल रहे और भले ही उन्हें 2 घंटे पहले सूचित किया गया था कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उस मार्ग में प्रवेश करेंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति प्रधानमंत्री की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उपचारात्मक उपायों का सुझाव देती है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह सरकार को रिपोर्ट भेजेगा ताकि कदम उठाए जा सकें।जनवरी 2022 में पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आने के बाद शीर्ष अदालत ने स्वयंसेवी संस्था (एनजीओ) ‘लॉयर्स वॉयस’की एक जनहित याचिका पर किसी भी मानवीय त्रुटि, लापरवाही या किसी भी जानबूझकर चूक या कमीशन से बचने के लिए पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा को एक जांच समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था। न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति द्वारा दायर की गई रिपोर्ट को पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिरोजपुर एसएसपी कानून और व्यवस्था बनाए रखने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहे।