पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बहाने 126 सीटों पर भाजपा की नजर


(अजीत सिंह)
गाजीपुर (काशीवार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के बहाने पूर्वांचल की 126 सीटों पर भाजपा की जीत सुनिश्चित करने का बड़ा मंत्र देंगे। यही वजह है कि सपा के अखिलेश यादव हर हाल में पूर्वांचल के लोगों को यह बताना चाहते हैं कि हमारी सरकार दोबारा बनी होती तो हाईवे की गुणवत्ता बेहद अच्छी होती। अखिलेश के लोग समाजवादी एक्सप्रेस-वे बनाम पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जनता के बीच लाने के लि छटपटा रहे हैं। इसको लेकर अखिलेश ने जिले के फखनपुरा के हैदरिया गांव के रास्ते पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सफर करके सांकेतिक लोकार्पण करने की घोषणा है। मगर अखिलेश की इस चाल को योगी सरकार ने समझ लिया और उनके कार्यक्रम पर ही रोक लगा दी। डीएम एमपी सिंह ने हवाला दिया कि अभी यह एक्सप्रेस-वे लोकार्पित नहीं हुआ है इसलिए इस पर सफर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके बाद बड़े बड़े पत्थर लगाकर पूरा एक्सप्रेस-वे खाकी के हवाले कर दिया गया। इस फैसले से जहां सपा में उबाल है, वहीं भाजपाई गदगद हैं।
जब अखिलेश ने 2012 में यूपी की सत्ता हासिल की थी, तब पूरे प्रदेश में सिर्फ साइकिल ही चुनाव चिंह दिखाई दे रहा था। अधिकांश घरों पर समाजवादी झंडे दिखते थे। उस समय भाजपा का कहीं भी नामो निशान नहीं था। मिशन 2012 फतह करने के बाद मिशन 2014 की तैयारी सपा शुरू कर दी थी। हर जगह कार्यक्रम हो रहे थे। इससे गाजीपुर भी अछूता नहीं था। कांग्रेस को लेकर उस समय पूरे देश में गुस्सा था। तभी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने की मांग सोशल मीडिया के जरिए भाजपा में उठने लगी। तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अबके रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा दिल दिखाते हुए और सीनियर नेताओं के विरोध के बावजूद नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कराने में सफल रहे। जब 2014 लोकसभा का चुनाव आया तो 84 में 80 सीट भाजपा लोकसभा में जीतने में सफल रही। सपा का सूपड़ा साफ हो गया था। उस समय पीएम मोदी ने पूर्वांचल की नब्ज पकड़ ली थी और गांधीनगर के बजाय वाराणसी से नामांकन करते हुए कहा था कि मुझे मां गंगा ने बुलाया है। उ
न्होंने सांसद के रूप में अच्छा काम किया। वाराणसी अब बदल रहा है। इसका लाभ गाजीपुर सहित पूर्वांचल के अन्य जिलों को भी मिला। भाजपा ने पूर्वांचल के बूते 2017 में यूपी की सत्ता पर कब्जा जमा लिया और अखिलेश को सत्ता से बेदखल कर दिया था। यूपी की सत्ता अखिलेश के हाथों से जाने से पहले उन्होंने समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी थी। जब योगी सीएम बने तो उन्होंने इसे अपनी प्राथमिकताओं में शामिल कराया और 23 हजार करोड़ की लागत से यह एक्सप्रेस-वे अब बनकर तैयार है। सीएम इस दौरान कई बार गाजीपुर भी आए और इसकी गुणवत्ता भी देखी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को लेकर सिर्फ गाजीपुर के ही लोग उत्साहित नहीं है, बल्कि आजमगढ़ सहित अन्य जिले के लोग खुश हैं। 340 किलोमीटर की दूरी साढ़े तीन घंटे में लखनऊ तक पूरी हो जाएगी। जबकि पहले 8 से 9 घंटे लग जाया करते थे। यही कारण है कि अखिलेश अपनी पूर्व की सरकार की उपलब्धि के रूप में इसे गिना रहे हैं। इसे भाजपा अपनी बड़ी कामयाबी मानकर चल रही है और अखिलेश को विकास विरोधी बता रही है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सुल्तानपुर जिले से पीएम मोदी लोकार्पण के दौरान पूर्वांचल के लोगों के लिए बड़ी घोषणा करके 126 सीटों पर निशाना साध सकते हैं। सियासत के जानकार मानते हैं कि वास्तव में यह एक्सप्रेस-वे तरक्की के मार्ग सिर्फ जनता के लिए ही नहीं खुलेगा, बल्कि भाजपा इसका बड़ा फायदा उठाने में सफल रहेगी।