वाराणसी(काशीवार्ता)। आरक्षित रेल टिकट में दलालों के कारनामों के कई किस्से आप सुने होंगे। चौंकाने वाली बात यह है कि दलाल अब अनारक्षित रेल टिकट बुक करके यात्रियों को लूट रहे हैं। रेलवे प्रशासन सब कुछ खुली आंखों से देखते हुए मौन है। कैंट रेलवे स्टेशन पर लगे एक दर्जन एटीवीएम (आटोमेटिक टिकट वेंडर मशीन) यात्रियों के लिए सुविधा नहीं बल्कि परेशानी का सबब बन गया है। इसका संचालन दलाल कर रहे हैं। भोले-भाले यात्री आए दिन शिकायत करते हैं पर रेलवे प्रशासन
इन पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। रेलवे इन दिनों कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। यही कारण
है कि कैंट
रेलवे स्टेशन के आरक्षण की सभी खिड़कियां संचालित नहीं हो रही हैं। इस कारण लंबी कतार लगती है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने आटोमैटिक टिकट वेंडर मशीन लगवा दिया। नियमानुसार हर मशीन को संचालित करने के लिए सुविधादाता (फैसिलेटर) के तौर पर सेवानिवृति कर्मचारियों को इसे आवंटित कर दिया गया। अब सेवानिवृत्त रेल कर्मचारी इसे स्वयं चलाने की बजाय आउट साइडर को दे दिए हैं। यह आउट साइडर ट्रेन आने के समय यात्रियों को टिकट तो उपलब्ध कराते हैं लेकिन 10 से 50 रुपये तक फुटकर न होने का बहाना बनाकर ऐंठ लेते हैं। ट्रेन छूटने के कारण यात्री 10-20 रुपये का मोह त्यागकर चले जाते हैं।
इसलिए रेल प्रशासन नहीं करता कोई कार्रवाई
आमतौर पर रेल प्रशासन इन आउट साइडर लोगों पर कार्रवाई इसलिए नहीं कर पाता है कि मशीन उनके नाम पर आवंटित नहीं है। इसी का आउट साइडर बेजा लाभ उठाते हैं। मशीन संचालकों को टिकट बुक करने पर रेलवे से तीन प्रतिशत कमीशन मिलता है। इसमें जिसके नाम से मशीन है वह डेढ़ प्रतिशत ले लेता है और शेष डेढ़ प्रतिशत वह आउट साइडरों को दे देते हैं।
केस -1
बुधवार सुबह संतोष कुमार वाराणसी से मऊ जाने के लिए इंटरसिटी का टिकट खरीदे। उनसे मशीन संचालक ने 20 रुपये अधिक ले लिए। यात्री जब पूछा तो संचालक ने कहा फुटकर नहीं है। कुछ देर बाद जब उसके पास फुटकर आ गया तब वह कुछ सुनने को तैयार नहीं था। ट्रैन न छूटे इस कारण संतोष चले गए।
केस-2
सिगरा शास्त्री नगर निवासी रविकांत ने गोरखपुर के लिए टिकट खरीदा। 200 रुपये का नोट मशीन संचालक को दिया। उसने मात्र 50 रुपये वापस किया। पूछने पर फुटकर का बहाना बना दिया। वहां खड़े रेलवे सुरक्षा के जवान से कहा तो उनका कहना था कि इतनी सुबह वह कहां से फुटकर लाए। 10-20 के चक्कर में पड़ोगे, ट्रेन छूट जाएगी।