राजस्थान का रेगिस्तान अपने आप में एक रहस्य है। प्राचीनकाल से ही रेगिस्तान, निर्जन, कठिन व निष्ठुर स्थान के रूप में जाने जाते हैं। हम में से केवल कुछ अतिउत्साही लोगों को छोड़कर रेगिस्तानी क्षेत्र यात्रा तथा व्यापार हेतु अवरोधक स्थल रहे हैं। रेगिस्तान को भारत में ‘मरुस्थल’ और ‘मरुभूमि’ कहा जाता है। 2. गुजरात में भी कच्छ क्षेत्र में रेगिस्तान को देखा जा सकता है। यहां का रेगिस्तान दुनिया का सबसे अलग रेगिस्तान है जो कि सफेद है। आपतौर पर रेगिस्तान पीले होते हैं परंतु यह सफेद है। यह सफेद रेगिस्तान रेत का नहीं, बल्कि नमक का है। इसे द ग्रेट रण आॅफ कच्छ कहते हैं। 3. अगर आप रेगिस्तान ही देखना चाहते हैं तो जरूरी है जैसलमेर और बाड़मेर का दौरा करना। 4. बाड़मेर राजस्थान में स्थित एक छोटा किंतु रंगों से भरपूर शहर है, लेकिन इसको देखना राजस्थान को देखना है। 5. राजस्थान में रेगिस्तान के अलावा कई ऐतिहासिक किलें और झीलें देखने लायक हैं। 6. दूसरी ओर अनुपम वास्तुशिल्प, मधुर लोक संगीत, विपुल सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को अपने में संजोए हुए जैसलमेर स्वर्ण नगरी के रूप में विख्यात है। जैसलमेर के प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों में सर्वप्रमुख यहां का किला है। जैसलमेर शहर के निकट एक पहाड़ी पर बने हुए इस दुर्ग में राजमहल, कई प्राचीन जैन मंदिर और ज्ञान भंडार नामक एक पुस्तकालय है जिसमें प्राचीन संस्कृत तथा प्राकृत पांडुलिपियां रखी हुई हैं। 7. राजस्थान के बीच में से ही सरस्वती नदी बहती थी और यहां पर ही दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता रहती थी। आज भी सरस्वती की सभ्यता खोजी जाना बाकी है। कहा जाता है कि सरस्वती नदी के तट पर ही बैठकर ऋषियों ने वेद और स्मृति ग्रंथ लिखे थे। 8. भारत का थार रेगिस्तान सबसे बड़ा रेगिस्तान है जिसे ग्रेट इंडियन डेजर्ट कहते हैं। यह दुनिया का 17वां सबसे बड़ा रेगिस्तान है, और दुनिया का 9वां सबसे बड़ा उपोष्णकटिबंधीय रेगिस्तान है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग के 200,000 वर्ग किमी (77,000 वर्ग मील) के क्षेत्र को कवर करता है और भारत और पाकिस्तान के बीच एक प्राकृतिक सीमा बनाता है। रेगिस्तान का 60% से अधिक हिस्सा राजस्थान राज्य में है, और कुछ गुजरात, पंजाब और हरियाणा में फैला हुआ है। 9. थार मरुस्थल लहरदार रेतीले पहाड़ों का विस्तार है, जो विशाल भारतीय मरुस्थल भी कहलाता है। इसका कुछ भाग भारत के गुजरात एवं राजस्थान में और कुछ पाकिस्तान में स्थित है। 2,00,000 वर्ग किमी में फैले इस क्षेत्र के पश्चिम में सिन्धु द्वारा सिंचित क्षेत्र है, इसके दक्षिण-पूर्व में अरावली का विस्तार है और दक्षिण में कच्छ का रेगिस्तान है, तो पूर्वोत्तर में पंजाब का भू-भाग है। 10. खानाबदोश जातियां इन रेगिस्तान को अच्छी तरह जानती हैं, लेकिन यदि आप इन रेगिस्तान में भले ही कुछ लोगों के साथ चले गए हैं और आपको रेगिस्तान की प्रकृति का कोई अनुभव नहीं है, तो आप कब तक खुद को जिंदा रख पाएंगे? इसलिए जब भी रेगिस्तान घुमने जाएं तो मौसम, समय और साथ को जरूर जांच लें।