अहमदाबाद। अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर अपने मूल डिजाइन से तकरीबन दोगुने आकार में होगा। मंदिर के वास्तुकार ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के पिछले साल के फैसले के बाद मंदिर के डिजाइन को संशोधित किया गया है। वास्तुकार ने बताया कि मंदिर को नागर शैली में बनाया जाएगा और इसमें पांच गुंबद होंगे। इससे यहां अधिक संख्या में श्रद्धालु आ पाएंगे। पहले के डिजाइन में दो गुंबद की परिकल्पना की गयी थी। वास्तुकार के मुताबिक एक बार काम शुरू हो जाने पर अगले तीन साल में परियोजना पूरी हो जाएगी। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्यों ने बताया था कि अयोध्या में मंदिर का भूमि पूजन पांच अगस्त को होना है और इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने की संभावना है।
मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया, ‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मंदिर के डिजाइन में संशोधन किया गया। अब यह पुराने मॉडल से लगभग दोगुने आकार में होगा।’’ उन्होंने बताया, ‘‘अब इसमें गर्भगृह के ठीक ऊपर शिखर होगा और पांच गुंबद होंगे। मंदिर की ऊंचाई भी पहले से अधिक होगी।’’ सोमपुरा (77) मंदिरों का नक्शा तैयार करने वाले परिवार से आते हैं। वह ऐसे 200 से अधिक ढांचे की डिजाइन तैयार कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के दिवगंत नेता अशोक सिंघल ने करीब 30 साल पहले उनसे राम मंदिर का नक्शा तैयार करने को कहा था। सोमपुरा ने बताया कि 30 साल पहले राम मंदिर को डिजाइन करना एक कठिन काम था, क्योंकि उन्हें माप की इकाई के रूप में अपने कदमों का उपयोग करते हुए चित्र तैयार करने थे।
उन्होंने बताया, ‘‘जब 1990 में मैंने अयोध्या में पहली बार वह जगह देखी तो उस समय सुरक्षा कारणों से परिसर में कुछ भी ले जाने की अनुमति नहीं थी। यहां तक कि नाप लेने वाले टेप को साथ रखने नहीं दिया गया, मुझे अपने कदमों से माप लेनी पड़ी थी।’’ सोमपुरा ने बताया कि उनके नक्शे के डिजाइन को ही देखते हुए विहिप ने 1990 में अयोध्या में पत्थर को तराशने की इकाई स्थापित की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि उच्चतम न्यायालय का फैसला रामजन्मभूमि के पक्ष में आने के बाद मंदिर के डिजाइन में बदलाव किए गए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब पांच गुंबद होंगे। इसके दो कारण हैं। पहला यह कि मंदिर के लिए अब जमीन की कोई कमी नहीं है। दूसरा, इस पर काफी चर्चा होने के कारण हमें उम्मीद है कि हर दिर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे और आकार बढ़ाने से उसमें ज्यादा श्रद्धालु आ सकेंगे। ’’