RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव, चालू वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी GDP ग्रोथ का जताया अनुमान


रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो दर तथा अन्य नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की शुक्रवार को समाप्त तीन दिवसीय बैठक में सभी नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय किया गया। इसका मतलब यह है कि लोगों के लोन ईएमआई पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा और वे यथावत रहेंगी। रेपो दर को 4 प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर को 4.25 प्रतिशत और बैंक दर को 4.25 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। नकद आरक्षी अनुपात 4 प्रतिशत और एसएलआर 18 प्रतिशत पर बना रहेगा। 

बैठक के बाद दास ने बताया कि आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है। इससे पहले आरबीआई ने 10.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया था। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि विदेशों से भी मांग आ रही है। मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मानसून का पूर्वानुमान जारी किया है। आने वाले दिनों में कोविड-19 टीकाकरण भी गति पकड़ेगा। ये सभी कारक अर्थव्यवस्था को गति देंगे। आरबीआई गवर्नर ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा का ऐलान करते हुए कहा कि 15 हजार करोड़ रुपए की नकदी की व्यवस्था बैंकों को जाएगी। इससे बैंक होटल, टूर ऑपरेटर, रेस्टोरेंट, प्राइवेस बस, सलोन, एविएशन एंसिलियरी सेवाओं ऑपरेटर आदि को किफायती लोन दे सकेंगे।

विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर के पार: दास
शक्तिकांता दास ने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 28 मई को समाप्त सप्ताह में 598.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया और आज समाप्त हो रहे सप्ताह में इसके 600 अरब डॉलर के पार पहुंचने के संकेत हैं। उन्होंने कहा कि संकेत है कि विदेशी मुद्रा भंडार इस सप्ताह 600 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है, लेकिन हमें आंकड़ों की पुष्टि का इंतजार करना होगा। इस सप्ताह के आंकड़े अगले शुक्रवार को जारी किए जाएंगे। यह किसी भी वैश्विक उथल-पुथल की स्थिति में चुनौति का सामना करने का आत्मविश्वास प्रदान करता है।

उल्लेखनीय है कि 21 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 592.9 अरब डॉलर पर रहा था। इस प्रकार 28 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें 5.3 अरब डॉलर की जबरदस्त वृद्धि रही है। इस समय सिर्फ चीन, जापान, स्विटजरलैंड और रूस के पास 600 अरब डॉलर से अधिक का विदेशी मुद्रा भंडार है। 3,198 अरब डॉलर के साथ चीन पहले स्थान पर है जबकि 605 अरब डॉलर के साथ रूस भारत से कुछ ही आगे है।