वाराणसी । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर दम तोड़ती दिख रही है। बृहस्पतिवार सुबह आई 4200 सैंपल की रिपोर्ट में केवल 18 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। बता दें कि बुधवार को 39 मरीज मिले जबकि किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई थी। 65 दिन बाद ऐसा हुआ कि वाराणसी जिले में कोरोना संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई।
वाराणसी में जिस तरह से संक्रमित मरीजो का ग्राफ गिरता जा रहा है , उससे यही कहा जा सकता है कि जल्द ही एक्टिव मरीजों की संख्या भी 600 तक पहुंच जाएगी। इधर, बृहस्पतिवार को नए मरीजो के मिलने के बाद अब कुल 81856 मरीजों में 80194 के डिस्चार्ज, 756 की मौत के बाद अब 906 एक्टिव मरीज शेष हैं। बता दें कि अनलॉक के लिए शासन का मानक 600 हैं। ऐसे में बनारस धीरे-धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहा है। इसी रफ्तार से अगर लोग स्वस्थ्य हुए और संक्रमित मरीजों में कमी आती रही तो तीन दिन में 600 से नीचे सक्रिय केस पहुंच जाएगा।
इधर, तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग अब घर-घर जाकर बच्चों की कोरोना जांच कर रहा है। वाराणसी में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए चलाए जा रहे कोरोना जांच विशेष अभियान में दो दिन में 1,868 जांच हुई। पहले दिन 832 जबकि बुधवार को 1036 सैंपल लिए गए। पहले दिन की जांच में तीन बच्चे संक्रमित मिले हैं। तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण की संभावना को देख सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों में बने स्टैटिक बूथ के साथ ही रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा भी जांच की जा रही है।
दूसरी लहर में सबसे ज्यादा 65 फीसदी पुरुष संक्रमित कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। वाराणसी में बुधवार तक तक मिले 81,009 कुल मामलों में 50,792 मरीज तो दो महीने में ही मिल गए। पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक रही। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 1 अप्रैल से शुरू दूसरी लहर में सबसे ज्यादा 65 फीसदी पुरुष संक्रमित हुए जबकि 35 फीसदी महिलाओं ने भी कोरोना से जंग लड़ी है। अप्रैल में कुल 42,740 मरीज मिले और 176 लोगों की मौत भी हुई।
मई में संक्रमित मरीजों के मिलने का आंकड़ा अप्रैल के मुकाबले 26 हजार कम हुआ और 16,332 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई, लेकिन मौत का आंकड़ा बढ़ गया। मई में सबसे ज्यादा एक माह में 199 की मौत हुई। वहीं, दूसरी लहर में अब तक दो माह में कुल 50,792 नए मरीजों में सबसे सबसे ज्यादा 38,396 पुरुषों में संक्रमण की पुष्टि हुई है जबकि 20,676 महिलाएं भी संक्रमित हुई हैं।
दूसरी लहर में मरीजों की संख्या बढ़ने और मौत अधिक होने के पीछे ऑक्सीजन की कमी के साथ ही कोविड अस्पतालों में बेड का संकट भी मुख्य वजह माना जा सकता है। मई के पहले सप्ताह से ऑक्सीजन और बेड का संकट भी दूर हुआ है। पहले सप्ताह में तो एक दिन में 15 से 20 मौत होती थी। जो अब 10 से नीचे आ गई है।