वाराणसी (काशीवार्ता)। पिछले कुछ अरसे से काशी में लगातार राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन हो रहे हैं। कभी तमिल संगम तो कभी गंगा पुष्कर महोत्सव तो कभी जी-20 का आयोजन। इन आयोजनों के लिए शहर को चमकाया जा रहा है। शहरवासियों से उम्मीद की जा रही है कि वह मेहमानों का दिल खोलकर स्वागत करें। ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि इसमें काशी का मान देश व दुनिया में बढ़ेगा, लेकिन केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित होने वाले इन बड़े आयोजनों के लिए शहर को सिर्फ बाहरी तौर पर चमक-दमक से पूर्ण किया जा रहा है, जबकि बुनियादी समस्याएं जस की तस हैं। मसलन अतिक्रमण के चलते शहर की सिकुड़ती सड़कों पर न तो नगर निगम व वीडीए का ध्यान जा रहा है न पीडब्ल्यूडी व जिला प्रशासन का। परिणाम स्वरूप शहर की सबसे बड़ी यातायात समस्या बद से बदतर होती जा रही है। कहने को तो कई सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य प्रारंभ हुआ, परंतु इनकी रफ्तार काफी धीमी है। इससे इतर शहर की कुछ सड़के तो इतनी बदनसीब है कि आज तक इन सड़कों से अतिक्रमण हटाने की सरकारी अमले को सुधि नहीं आई। इन्हीं सड़कों में सिगरा-महमूरगंज रोड भी शामिल है। यह सड़क पीडब्ल्यूडी के जिम्मे हैं। पीडब्ल्यूडी के नक्शे के अनुसार चौड़ाई न्यूनतम 14 मीटर तथा अधिकतम 18 मीटर है, परंतु हालत यह है कि मौके पर कहीं-कहीं सड़क 10 मीटर यानी 30 फुट से भी कम हो गई है। उदाहरण स्वरूप ईसाई कब्रिस्तान के सामने सड़क की चौड़ाई नक्शे के अनुसार 14 मीटर यानी 42 फुट होनी चाहिए। अतिक्रमणकारी आधी सड़क ही निगल गए। अतिक्रमणकारियों में ज्यादातर बड़े और रसूखदार लोग हैं जो शहर की समस्याओं को लेकर होने वाली गोष्ठियों में भी मौजूद रहते हैं।
मार्ग का चौड़ीकरण जल्द
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता केके सिंह ने काशीवार्ता को बताया सिगरा-महमूरगंज रोड का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। उम्मीद है कि सड़क चौड़ीकरण का काम जल्द शुरू होगा। उन्होंने बताया कि चौड़ीकरण में भूमि अधिग्रहण का कार्य भी होगा। केके सिंह ने बताया पांडेपुर संदहा, काली मंदिर, रिंग रोड, मोहनसराय, कैंट आदि सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य भी प्रगति पर है। उम्मीद है कि यह परियोजनाएं समय से पूरी होंगी।