विशेष प्रतिनिधि
वाराणसी(काशीवार्ता)। नगर की विधानसभा यानि नगर निगम का विधान बनाने का सदन जिसे कुछ लोग मिनी सदन भी कहते हैं, को अभी भी स्थायी ठिकाने की तलाश है पिछले कई सालों से सदन का कामकाज मैदागिन स्थित टाऊन हाल में अस्थायी रूप से चल रहा है।कहना न होगा कि इसमें पार्षदों, मेयर के साथ साथ अधिकारियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।टाउन हॉल की भौगोलिक स्थिति कुछ ऐसी है कि वहाँ तक पहुंचना ही टेढ़ी खीर है।ऐसे में एक पुराने से हाल में सदन चलाना और सरकारी कामकाज निपटाना एक अत्यंत दुष्कर कार्य है।लेकिन इस स्थिति के लिये नगर निगम के साथ ही साथ प्रदेश सरकार भी समान रूप से जिम्मेदार है। नगर निगम का सदन पहले सिगरा स्थिति निगम मुख्यालय से सटे एक भवन में चलता था।इसी भवन से सटे एक और भवन में नगर निगम का प्रेक्षागृह भी था।इस प्रेक्षागृह की क्षमता तकरीबन एक हजार व्यक्तियों की थी।इसमें राजनीतिक व सामाजिक समागम के साथ ही शादी व्याह के आयोजन भी होते थे।किराया भी काफी कम था।जो आम आदमी के बजट में फिट बैठता था। एक दिन तय हुआ कि नगर निगम सदन और प्रेक्षागृह को तोड़कर अत्याधुनिक विश्वस्तरीय सम्मेलन स्थल बनेगा जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन और अन्य आयोजन होंगे।देखा जाय तो इस योजना में कोई बुराई नहीं थी।हर शहर में इस तरह के अत्याधुनिक थियेटर या हॉल बनने ही चाहिये।लेकिन साथ ही साथ यह भी देखना चाहिये कि पुराने भवनों को तोड़ कर आधुनिक निर्माण के चलते कहीं आवश्यक कार्यों में व्यवधान तो नहीं पड़ रहा है। निगम सदन तोड़कर जापान सरकार के सहयोग से जब रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का निर्माण कार्य शरू हुआ तो सभी उसी में व्यस्त हो गए।अधिकारी यह भूल गए कि नगर की सर्वोच्च नागरिक संस्था बेघर हो गयी है।आवश्यक कार्य बाधित हो रहा है।होना तो यह चाहिये था कि पहले नए सदन का निर्माण हो जाता फिर पुराने को तोड़ा जाता।पार्षदों ने कई बार इस दुर्व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई पर उनकी बात अनसुनी कर दी गयी।जब चुनाव वर्ष आया तो नया नगर निगम सदन बनाने की सुधि आयी। इसके लिये निविदा आमंत्रित की गई लेकिन जब सरकार तैयार हुई तो ठेकेदार पीछे हट गए।।प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के डर से अब कोई निविदा डालने के लिये तैयार नहीं हो रहा है।कई बार निविदाएं आमंत्रित की गयीं,लेकिन नतीजा सिफर निकला।उम्मीद है मार्च में नई सरकार के गठन के बाद ही अब इस दिशा में कोई पहल होगी। नगर निगम सदन का निर्माण सिगरा मुख्यालय के बगल में पुराने साइकिल स्टैंड के स्थान पर होना है।फिलहाल स्थिति यह है कि यह साईकल स्टैंड बरसों पहले बंद हो चुका है।यहां अब आसपास की कालोनियों का कूड़ा और मलबा फेंका जा रहा है।नगर निगम भी अपने कबाड़ यहीं डंप कर रहा। धीरे धीरे यह मलबा पहाड़ का रूप लेता जा रहा है।