सैदपुर से सुभाष की हैट्रिक में चंचल की होगी महत्चपूर्ण भूमिका


(अजीत सिंह)
गाजीपुर (काशीवार्ता)। मुंबई की मायानगरी से सीधे सपा के टिकट पर दो बार विधायक बने सुभाष पासी इस बार हैट्रिक लगाने के लिए जीत का तानाबाना बुन रहे हैं। इस बार उनके विजय रथ पर भाजपा एमएलसी विशाल सिंह चंचल सवार हैं। 2012 और 2017 के चुनाव में दादा का परिवार पासी के साथ रहा। रविवार को सैदपुर में प्रधानों के साथ बैठक करके चंचल ने पासी को तीसरी बार विधायक बनाने के लिए हुंकार भरी। इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है।
पूर्वांचल के गांधी नाम से मशहूर रहे पूर्व एमएलसी रामकरन दादा के पुत्र पूर्व एमएलसी विजय यादव से पंगा लेने के बाद सैदपुर के विधायक सुभाष पासी को सपा नाता तोड़ना पड़ा था। उस समय सुभाष पासी को दादा के परिवार के साथ ही विरोधियों ने कुछ ऐसे इल्जाम के साथ घेरा था कि उन्होंने सपा छोड़ने में ही भलाई समझी और भाजपा का दामन थाम लिया। चूंकि सैदपुर की सीट निषाद पार्टी के कोटे में जाने के कारण पासी को भाजपा से इस्तीफा देकर इस पार्टी में शामिल होना पड़ा था।
लेकिन भाजपा की शर्त थी कि सभी निषाद पार्टी के प्रत्याशी को कमल निशान पर ही लड़ना पड़ेगा। इसलिए सुभाष पासी का सिंबल कमल निशान से मिलने के बाद पूरे भाजपाई उन्हें जिताने के लिए अपनी ताकत झोंक दिए हैं।
दूसरी बार एमएलसी बनने की राह पर चलने वाले चंचल अपनी गृह सीट सैदपुर को लेकर बेहद गंभीर हैं। सियासत के जानकार मानते हैं कि सपा ने जिस प्रत्याशी को मैदान में उतारा है, उस हिसाब से पासी को वाक ओवर मिलने की पूरी संभावना हैै। साथ ही सपा का असंतुष्ट खेमा पासी के साथ है, जो उनकी जीत में सहायक बनेगा।