वाराणसी, । शिव को अतिप्रिय सावन माह के चौथे सोमवार को बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ के रुद्राक्ष श्रृंगार की परंपरा है। इससे पहले सोमवार को भोर में बाबा को पंचामृत स्नान कराकर बाबा का पूजन किया गया। इसके बाद बाबा की विशेष श्रृंगार झांकी सजाई गई। भोर में मंगला आरती के बाद करीब 3:50 बजे आम भक्तों के दर्शन के लिए बाबा का झांकी दर्शन द्वार खोल दिया गया। दर्शन के लिए देर रात से भक्त कतारबद्ध हो गए थे। सुबह आठ बजे तक करीब 22 हजार भक्तों ने मत्था टेका।
सावन के आखिरी सोमवार पर बाबा दरबार में सुबह नौ बजे तक लगभग 46 हजार भक्त जलाभिषेक कर चुके थे। वहीं मंगला आरती के दौरान करीब 400 भक्त मौजूद रहे। वहीं दोपहर 11 बजे तक 70 हजार के करीब भक्त बाबा का दर्शन और अभिषेक कर चुके थे।वहीं शाम तक उम्मीद जताई जा रही है कि इनकी संख्या एक लाख को पार कर जाएगी।
मंगला आरती में थे लगभग तीन सौ श्रद्धालु : बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार में मंगला आरती के दौरान चौथे सोमवार करीब तीन सौ लोगों ने टिकट बुक कराया था। सभी श्रद्धालुओं ने इस नयनाभिराम आरती के सहभागी बने।
अन्य प्रमुख मंदिरों में रही भीड़ : सावन के चौथे सोमवार को दर्शन-पूजन के लिए बाबा दरबार के अलावा अन्य प्रमुख मंदिरों में भी भीड़ उमड़ी है। तिलभांडेश्वर मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, जागेश्वर महादेव, मार्कंडेय महादेव, सारंगनाथ महादेव, त्रिलोचन महादेव सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ी है। वहीं टोले-मोहल्ले के शिवालयों में भी सुबह से आस्थावानों को मेला लगा हुआ है।
कोविड गाइड लाइन का हुआ अनुपालन : सभी मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद है। इसके साथ ही कोविड-19 के गाइड लाइन का अनुपालन भी हो रहा है। बिना मास्क और थर्मल स्कैनिंग के किसी भी श्रद्धालु को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। वहीं सुरक्षाकर्मी मंदिर में लोगों को एकत्रित नहीं होने दे रहे हैं।