(राजेश राय)
वाराणसी (काशीवार्ता)। वाराणसी से लगभग सौ किलोमीटर दूर गाजीपुर का शेरपुर गांव वैसे तो पहले से ही काफी चर्चित रहा है लेकिन वर्तमान में यह अपनी खेल गतिविधियों के चलते चर्चा में है। गांव के ही मूल निवासी तथा गुजरात के प्रसिद्ध उद्यमी संजय राय ने गांव को खेल की दुनिया के नक्शे में शामिल करने का संकल्प लिया है।
वे गांव के युवाओं को राष्टÑीय व अन्तर्राष्टÑीय फलक पर स्थापित करना चाहते हैं। इसी उद्देश्य के तहत उन्होंने गत गुरुवार को गांव का दौरा किया तथा अन्तर्राष्टÑीय स्तर का बालीबाल कोर्ट, आधुनिक जिम तथ 350 मीटर के सिन्थेटिक रनिंग ट्रैक के निर्माण की आधारशिला रखी। पूरी योजना डेढ़ वर्ष में पूरी होगी तथा लगभग डेढ़ करोड़ रुपये इसकी लागत आयेगी। इस निमित्त संजय राय ने यूथ रूरल एंटरप्रेन्योर फाइउडेंशन नामक संस्था बनायी है। इस संबंध में राय कहते हैं कि वे प्रधानमंत्री मोदी के फिट इंडिया का सपना जनभागीदारी से जनकल्याण की ओर को साकार करना चाहते है। एशिया के सबसे बड़े गांव शेरपुर की ख्याति शहीद गांव के रूप में है। सन 42 के भारत छोड़ो आन्दोलन में मुहम्मदाबाद तहसील पर तिरंगा फहराने के दौरान डा.शिवपूजन राय के साथ गांव के आठ युवाओं ने हंसते-हंसते अपने प्राण निछावर किये थे। फिर आया सन 1975 का काल खण्ड जब गांव में ही हरिजन कांड हुआ और गांव की ख्याति पर एक बदनुमा दाग लगा।
परन्तु गांव इस अपयश को छोड़ आगे बढ़ता रहा। आज स्थिति यह है कि हर बिरादरी के लोग कन्धे से कन्धा मिलाकर गांव के सर्वांगीण विकास में लगे है। चाहे गांव की सड़क का चौड़ीकरण हो या फिर पूर्वांचल एक्सप्रेसय वे से कनेक्टिविटी, इसी सामूहिक प्रयास का नतीजा है। गंगा के किनारे बसे इस गांव के लोगों की नस्ल हमेशा से अच्छी रही है। लम्बी चौड़ी कदकाठी गांव की पहचान रही है। यही वजह है कि गांव ने एक से बढ़कर एक नामी गिरामी बालीबाल खिलाड़ी दिये। जिन्होंने राष्टÑीय व प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बनायी। इनमें शालीन राय, प्रमोद राय, मनोज राय, घनश्याम राय, विजय शंकर राय, डा.प्रशान्त राय, शशिकान्त राय प्रमुख हैं।
गांववासियों का मानना है कि अन्तर्राष्टÑीय स्तर का बालीबाल कोर्ट व जिम बनने से निश्चित रूप से गांव के युवाओं को लाभ होगा व उनकी प्रतिभा निखरेगी। बहरहाल गांव में इस योजना को लेकर खासा उत्साह है।युवाओं में नयी ऊर्जा का संचार हुआ है।