‘सिद्धू को भगवान ही खुश कर सकते हैं…..फुल टाइम कॉमेडी करें अब’, कांग्रेस के नेता ऐसे निकाल रहे हैं भड़ास


चंडीगढ़, : नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में जिस तरह से कांग्रेस को हिट विकेट किया है, उसकी आशंका शायद कुछ ही कांग्रेसियों को पहले से थी। उनमें से पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी हैं, जो पंजाब के मसले को हैंडल करने के तरीके को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ बिना खुलकर बोले काफी कुछ (अनुभवहीन) कह चुके हैं। सिद्धू की वजह से पंजाब में कांग्रेस पार्टी की जिस तरह से छिछालेदार हो रही है, उससे पार्टी और परिवार के प्रति समर्पित कांग्रेसी नेताओं की खिसियाहट खुलकर जाहिर होने लगी है। कुछ ऐसे भी बागी हैं, जो घुमा-फिरा कर इन सबके लिए सीधे राहुल-प्रियंका के जिम्मेदार होने की ओर इशारा कर रहे हैं। यहां गौर करने वाली बात है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अभी सिर्फ पार्टी की प्रदेश अध्यक्षता छोड़ी है, पार्टी छोड़ने की बात अबतक नहीं की है। लेकिन, फिर भी उनको लेकर पार्टी के अंदर और उससे जुड़े लोगों के जो शब्द बाण चल रहे हैं, वह बहुत ही तीखे मालूम पड़ रहे हैं।
‘बहुत हो गया…फिल टाइम कॉमेडी करें’

अपने बयानों की वजह से कई बार विवादों में आ चुकीं कांग्रेस नेता अल्का लांबा को सिद्धू का रवैया बहुत ही नागवार गुजरा है। उन्होंने ट्विटर पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है- ‘अब उन्हें फुल टाइम कॉमेडी करने दीजिए। राजनीति में उनका वक्त खत्म हो चुका है। बहुत हो गया।’ लांबा अपनी तीखी टिप्पणियों के लिए अक्सर चर्चा में आ जाती हैं। लेकिन, कांग्रेस में सिद्धू को लेकर भड़ास निकालने वालों की कमी नहीं है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा है, ‘भाजपा में किस्मत आजमाने के बाद सिद्धू पार्टी में शामिल हुए। वह आम आदमी पार्टी से भी बातचीत कर रहे थे और बहुत कम समय में अमरिंदर सिंह को साइडलाइन करके उन्हें पंजाब कांग्रेस प्रमुख बनाने से जमीनी कार्यकर्ताओं में गलत संदेश गया। पिछले कुछ दिनों में जो कुछ हुआ है, उससे पार्टी की चांस (विधानसभा चुनावों में) को धक्का लगा है।’

‘सिद्धू को भगवान ही खुश कर सकते हैं…’

पंजाब में सिद्धू को लेकर पार्टी के फैसले से मायूस होने वालों की फेहरिस्त काफी लंबी है। मनीष तिवारी जैसे नेता तो हाई कमान की नीतियों पर पिछले एक साल से सवाल उठा रहे हैं। लेकिन एक और वरिष्ठ नेता का कहना है, ‘हमने सीएम बदल दिया, उन्हें प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नियुक्त कर दिया और उनकी(सिद्धू) मांग के मुताबिक ही सबकुछ किया। इसके बाद भगवान ही किसी को खुश कर सकते हैं।’ पार्टी नेता सुखविंदर सिंह काका कंबोज ने कहा, ‘उन्हें सुनील जाखड़ की जगह चुना गया, जिन्होंने पूरी जिंदगी कांग्रेस के लिए काम किया। अगर वे (सिद्धू) अभी भी खुश नहीं हैं तो कभी भी खुश नहीं हो सकते…..पंजाब की स्थिति थोड़ी परेशान करने वाली है। गांधी परिवार ने उनपर बहुत भरोसा किया और तब उन्होंने ऐसा किया…….’। उन्होंने यहां तक कहा है कि ‘पार्टी से एक आदमी के जाने या आने से चुनाव में हमारी जीत की संभावनाओं पर असर नहीं पड़ता है, कांग्रेस सरकार बनाएगी…..उन्होंने जो किया वह किसी विश्वासघात से कम नहीं है।’

सिद्धू के मसले पर पार्टी के अंदर ही घिर रही हैं प्रियंका ?

सिद्धू के लिए कांग्रेस ने जिस तरह से कैप्टन जैसे दिग्गज को नाराज कर दिया, उस फैसले से लगता है के गांधी परिवार के करीबी लोग भी खुश नहीं हैं। न्यूइंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते और प्रिंयका गांधी वाड्रा के राजनीतिक सलाहकार विभाकर शास्त्री का कहना है कि बाहर से आने वालों को पार्टी में तुरंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए। शास्त्री ने कहा है, ‘दूसरे दलों से आने वालों को कम से कम 5 साल का समय देना चाहिए, ताकि वह संगठन के लिए काम कर सकें और विचारधारा को समझ सकें।’ यह बयान खासकर गांधी परिवार पर ही सबसे बड़ा सवाल उठा रहा है,क्योंकि सिद्धू भाजपा से आकर कांग्रेस में जितनी जल्दी इतने ताकतवर बन गए तो उसमें राहुल से ज्यादा प्रियंका गांधी का ही हाथ बताया जा रहा है।

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‘दिल्ली में किसी को बर्खास्त करने की जरूरत है’

लेकिन, कुछ समय से कांग्रेस से बागी चल रहे, लेकिन खुद को डीएनए से कांग्रेसी बताने वाले संजय झा ने पंजाब संकट के लिए कहीं न कहीं राहुल-प्रियंका की ओर ही उंगली उठा दी है। क्योंकि, सिद्धू को सोनिया गांधी से ज्यादा भाई-बहन का ही आशीर्वाद मिलता रहा है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा है, ‘पंजाब की एक छोटी कहानी: चुनाव के हिसाब से कैप्टन अमरिंदर सिंह के मातहत कांग्रेस मजबूत दिखती है। सिद्धू बगावत करते हैं। दिल्ली से उन्हें बढ़ावा मिलता है। सिद्धू प्रदेश प्रमुख बन जाते हैं। दिल्ली कैप्टन को अपमानित करता है। कैप्टन इस्तीफा दे देते हैं। चन्नी सीएम बन जाते हैं। सिद्धू इस्तीफा दे देते हैं। दिल्ली में किसी को बर्खास्त करने की जरूरत है।’