गायकी में पहचान बनाना है मकसद: समुंद्रे


वाराणसी(काशीवार्ता)। सांस्कृतिक राजधानी काशी ने कई नवोदित कलाकारों को मुकाम दिया है। आज ऐसे कई नामचीन कलाकार देश-विदेश में अपना नाम कमा रहे हैं। काशी की इसी कशिश ने नवोदित गायिका शारदा समुंद्रे को छत्तीसगढ़ से खींच लाया है। ‘काशीवार्ता’ से खास बातचीत में बताया कि उन्होंने बनारस आने को कभी सोचा नहीं था। सोशल मीडिया के माध्यम से ग्रीन स्टोन इंटरप्राइजेज कंपनी लखराव (बजरडीहा) के डायरेक्टर संजय सिंह से उनका संपर्क हुआ तब से वे काशी में ही हैं। शारदा समुंद्रे ने बताया कि वे चिरमिरी कोरिया (छत्तीसगढ़ )की मूल निवासी हैं। पिता निर्मल कुमार समुंद्रे भी गायक रहे हैं। पिता की चाहत थी कि मैं गायकी में अपना एक मुकाम हासिल करू। उनके इसी सपने को साकार करने काशी आई हूं ।उन्होंने ग्रीनटोन इंटरप्राइजेज के डायरेक्टर संजय सिंह के प्रति भी अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। कहा कि उनकी उम्मीदों पर खरा उतरू यही चाहत है। समुंद्रे ने बताया कि वे 7 वर्ष की उम्र से स्टेज शो कर रही हैं। छत्तीसगढ़ के जांजगीर में कुमार सानू व सपना अवस्थी जैसे नामचीन कलाकारों के साथ स्टेज शेयर कर चुकी हैं। कहां की हिंदी व भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में गायकी में अपनी अलग पहचान बनाना ही उनका मकसद है।बताया कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ छत्तीसगढ़ से उन्होंने एम म्यूज (मास्टर आॅफ म्यूजिक कोर्स) किया है।
आने वाले हैं दो रियलिटी शो
गायिका समुंद्रे ने बताया कि टीवी पर आने वाले दो रियलिटी शो भोजपुरिया सुरबाज व सिंगिंग के सुपरस्टार में अपनी गायकी का जलवा बिखेरती जल्द नजर आएंगी।
तीज सॉन्ग व कजरी ने दिलाई नई पहचान
शारदा समुंद्रे ने बताया कि तीज पर रिलीज हुआ उनका भोजपुरी गीत ‘सेंधुरा बचाया भोलेनाथ.. तथा कजरी गीत ‘ पिया हो जब से गईला विदेशवा.. की लोकप्रियता ने उन्हें एक नई पहचान दिलाई है।