इस समय बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की चारों तरफ से काफी तारीफ हो रही हैं। सोनू सूद वो इंसान हैं जिन्होंने बिना किसी की शिकायत किए बस इंसानियत का धर्म निभाया। आपने अकसर देखा होगा कि सड़क पर कोई केले का छिल्का फेंक देता हैं तो बहुत से लोग सफाई का ज्ञान देने के लिए आ जाते हैं लेकिन छिलके को हटाता कोई नहीं। सब सफाई वाले के आने का इंतजार करते हैं। बहुत ही कम लोग होते हैं जो चुपचाप आकर बिना किसी को ज्ञान दिए छिल्का हटा कर फिर से जगह को साफ कर देते हैं। कुछ ऐसा ही सोनू सूद ने किया। एक तरफ राजनीति चमकाने के लिए प्रवासी मजदूरों के पलायन पर बड़ी लंबी-लंबी चैनलों पर बहस हो रही थी। लोग सोशल मीडिया पर उनके दर्द की बातें कर रहे थे। कहानी-कविता लिख रहे थे लेकिन मदद के लिए कोई सामने नहीं आ रहा था। ऐसे में सोनू सूद ने अपने दम पर लॉकडाउन में परमिशन के साथ बसों से प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा। गरीबों के लिए खाने का इंतजाम किया। लोंगो को राशन भिजवाया। प्रवासी मजदूरों की मदद के बाद उन्होंने केरल में फंसी 177 लड़कियों को एयरलिफ्ट किया। सोनू सूद लॉकडाउन और कोरोना वायरस से प्रभावित हर जरूरत मंद की मदद कर रहे हैं। इनके इस कदम से चोरों और से सोनू सूद की तारीफ की जा रही हैं। लोगों की मदद कर रहे सोनू सूद ने एक और मिसाल दी हैं। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर देश में लागू लॉकडाउन के बीच प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने में मदद करने वाले अभिनेता सोनू सूद अपने इस अनुभव पर किताब लिखेंगे। उनकी यह पहली किताब होगी। अभी हालांकि इस किताब का नाम तय नहीं हुआ है। इस किताब में लोगों की मदद करने की उनकी यात्रा के भावनात्मक पहलुओं के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण क्षणों का भी जिक्र होगा। प्रकाशन हाउस पेंग्विन रेंडम हाउस इंडिया ने बुधवार को बताया कि यह किताब इस साल के अंत में प्रकाशित होगी। सूद ने एक बयान में कहा, मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे श्रमिकों की मदद का जरिया बनाया। भले ही मेरा दिल मुंबई में धड़कता हो लेकिन इस घटना के बाद मैं महसूस करता हूं कि मेरे अंदर का एक हिस्सा उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम, उत्तराखंड और अन्य कई राज्यों में जीता है जहां मेरे नए दोस्त बने हैं और मेरा गहरा संबंध बना है। उन्होंने कहा, ह्यह्यमैंने निर्णय लिया है कि हमेशा के लिए मेरी आत्मा में बस चुकी कहानियों और अनुभवों को मैं किताब में दर्ज करूंगा, मैं उत्साहित हूं और किताब के जरिए आपसे जुड़़ने की प्रतीक्षा में बेताब हूं। मैं आपका समर्थन चाहता हूं, सभी को प्यार। अभिनेता ने मुंबई में रहने वाले प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए अभियान शुरू किया था। सूद और उनकी टीम ने इस संबंध में टोल फ्री नंबर और व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया था। उन्होंने मार्च में लागू लॉकडाउन की वजह से शहर में फंसे लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए खाना, बस, ट्रेन के साथ ही विमान तक की व्यवस्था की थी।