(विशेष प्रतिनिधि)
वाराणसी(काशीवार्ता)। प्रकृति का नियम है, जो इस संसार में आया है उसे एक न एक दिन जाना पड़ता है। यह सजीव और निर्जीव दोनों पर लागू होता है। ऐतिहासिक सिगरा स्टेडियम का पैवेलियन भी इसका अपवाद साबित नहीं हुआ। लगभग पांच दशक तक इसने खेल और खिलाड़ियों की सेवा की, अब इसकी बिदाई की घड़ी आ पहुंची है। नए स्टेडियम के निर्माण के लिए रास्ता देने के वास्ते इसे तोड़ा जा रहा है। इसे गिराने का ठेका पांच लाख में हुआ है। ठेकेदार के कर्मचारी बेदर्दी से इसपर हथौड़ा चला रहे हैं। कोई और देश होता तो शायद इस बिल्डिंग को हेरिटेज के तहत सहेज कर रखता, लेकिन अपने यहां ऐसी संवेदनशीलता कहां ठेकेदार ने बताया कि ध्वस्तीकरण के पहले चरण में खिड़की दरवाजे निकाले जा रहे हैं। यह कार्य संपन्न हो जाय तो फिर इमारत को गिराने में समय नहीं लगेगा। उम्मीद है एक हफ्ते में यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। जिस पैवेलियन की छत पर बैठ कर कभी दर्शक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को खेलते देखते थे अब वह इतिहास बन जायेगा। इसी भवन में पहले आरएसओ नीरू कपूर से लेकर वर्तमान आरएसओ आरपी सिंह का भी दफ्तर हुआ करता था। फिलहाल आरएसओ दफ्तर अस्थाई तौर पर दूसरे भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है।