सपा से नाता तोड़ राजेश ने अंसारियों के खिलाफ फूंका बिगुल


(अजीत सिंह)
गाजीपुर (काशीवार्ता)। जिले में सपा के कद्दावर नेता एवं खांटी समाजवादी राजेश राय ने हिन्दू नववर्ष पर आखिरकार अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचकर सपा से तीस वर्ष पुराना नाता तोड़ लिया। राजेश की गिनती उन समाजवादियों में की जाती थी, जो अपना पूरा जीवन ही सपा में खफा दिया था। उन्होंने बहुत ही भावुक मन से जिलाध्यक्ष रामधारी यादव को सपा का झंडा लौटाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सपा वास्तव में अपने जमीनी कार्यकतार्ओं को भूल चुकी है। अब पांच वर्ष ही नहीं बल्कि बीस वर्षों तक यूपी की सत्ता में सपा के आने की कोई उम्मीद नहीं है। धीरे धीरे यह पार्टी अब टूटने के कगार पर पहुंच गई है। जब मेरे जैसे कार्यकतार्ओं को निकाला जा रहा हो, जबकि मैंने अंसारियों के आने के बाद ही इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस दौरान करईल में अंसारियों के खिलाफ जंग का भी एलान किया।
यह देखकर जिलाध्यक्ष रामधारी दंग रह गए। वहां पर मौजूद मीडिया कर्मियों ने राजेश राय से सवाल दागे कि आखिर क्यों आपको पार्टी ने निकाला। जबकि जिले में सपा ने सातों सीट जीत ली है। आप जैसे समाजवादी की आखिर सपा में कद्र क्यों घट रही है। ऐसे दर्जनों सवाल थे, जिस पर राजेश राय ने एक एक प्रश्नों का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि वह तबके समाजवादी हैं, जब सपा बनी थीं। राजेश राय ने इतना जरूर कहा कि मुहमदाबाद के विधायक मन्नू अंसारी और उनके पिता सिबगतुल्ला अंसारी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलकर उन्हें निष्कासित करने का काम किया है। हमारी सियासी लड़ाई पहले भी थी और अंसारियों से आज और कल भी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके टच में सैकड़ों सपा के सीनियर नेता हैं, जो पार्टी छोड़ने के लिए तैयार बैठे हैं।