प्रदेश में 25 करोड़ की लागत से खुलेंगी 250 आयुष डिस्पेंसरी


वाराणसी/लखनऊ (काशीवार्ता)। उत्तर प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्रा दयालु ने आज लखनऊ स्थित उप्र राज्य आयुष सोसाइटी के सभागार कक्ष में विभागीय अधिकारियों एवं डाक्टरों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने जनपदों में बन रहे 50 शैय्या वाले आयुष हॉस्पिटल के निर्माण की वर्तमान स्थिति के बारे में विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली। निर्देश दिये कि 06 माह की कार्ययोजना के तहत प्रत्येक दशा में यह क्रियाशील हो जाना चाहिए। शेष (50 शैय्या वाले) अस्पतालों का निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण करें। मंत्री दयाशंकर मिश्रा ने कहा कि निमार्णाधीन अस्पतालों में लोगों की मूलभूत सभी आवश्यकताएं उपलब्ध हों तथा सभी उपकरण क्रियाशील रहें। उन्होंने कहा कि मरीजों एवं उनके तीमारदारों को पीने का शुद्ध पानी, वेटिंग हालों में पंखे, कुर्सियां लगी होनी चाहिए एवं साफ-सुथरी व्यवस्था होनी चाहिए। शौचालय की व्यवस्था उत्तम एवं अस्पताल परिसरमें साफ-सफाई नियमित होनी चाहिए। लापरवाही पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। साथ ही उन्होंने शुभारम्भ किये गये अस्पतालों की स्टेट्स रिपोर्ट भी मंगवायी है। उन्होंने हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर्स, योग एवं वेलनेस सेन्टर के संचालन की स्थिति के बारे में जानकारी ली। श्री मिश्रा ने आयुष चिकित्सालयों के उच्चीकरण के बारे में जानकारी ली। जानकारी के तहत बताया गया कि 25 करोड़ की लागत से पूरे प्रदेश में लगभग 250 आयुष डिस्पेंसरी खोलने की संस्तुति केन्द्र सरकार से प्राप्त हो गई है।
जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि गोरखपुर एवं भदोही में बने चिकित्सालय का उच्चीकरण शीघ्र किया जाय। साथ ही आयुष महाविद्यालयों का उच्चीकरण एवं जहां पर छात्र-छात्राओं के रहने हेतु हास्टल नहीं है वहां हास्टल बनाये जाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।आयुष मंत्री ने कहा कि आयुष कवच ऐप को और अधिक क्रियाशील बनाये। लगभग 2.6 मिलिसल यूजर्स इस ऐप का उपयोग कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। लोगों का विश्वास इस ऐप पर ज्यादा है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम द्वारा इस ऐप पर विभिन्न रोगों से संबंधित लाइव सेशन चलायें। आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आशा/ए.एन.एम. के प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये कार्यकत्रियां आयुष दवाओं एवं उपचारो को घर-घर तक पहुंचायेगी। आशा/ए.एन.एम. कार्यकत्रियां लोगों को आयुष विभाग द्वारा निर्मित दवाओं एवं औषधियों से ही घेरलू रोगों को ठीक होने के गुण सिखाने का भी कार्य करेंगी।