(अजीत सिंह)
गाजीपुर (काशीवार्ता)। ग्राम पंचायतों की बेहतर ढंग से साफ सफाई करने के लिए तैनात किए गए सफाईकर्मियों की मौज मस्ती के दिन अब लद गए हैं। डीएम एमपी सिंह ने साफ लहजे में कहा है कि सुबह सात बजे और दोपहर दो बजे जब आने और जाने की हाजिरी बायोमैट्रिक मशीन से नहीं लगाई गई तो सीधे ग्राम प्रधान, सचिव, बीडीओ और एडीओ पंचायत जिम्मेदार माने जाएंगे। अगर जांच में शिकायत मिली तो सीधे सीधे बीडीओ के वेतन से कटौती की जाएगी। डीएम के इस फरमान के बाद सफाईकर्मियों के साथ ही ब्लाक कर्मियों में खलबली मची हुई है।
पिछले दिनों डीएम ने करीब दो सौ से अधिक उन सफाईकर्मियों को जिले के अफसरों के यहां से हटा दिया, जो अधिकारियों के पीछे पीछे घूमकर मौज करते थे। गांवों में समय से पहुंचते नहीं थे। घर बैठे और सेटिंग से उनको हर माह वेतन जारी होता था। कार्यालयों में अपने आपको अटैच कराकर मौज करते थे। गांवों में ग्राम प्रधान, सचिव और एडीओ पंचायत से मिलकर नौकरी करते थे। उनकी फर्जी हाजिरी गांवों में लगती थी। इसके एवज में प्रधान और एडीओ पंचायत की जेब गरम होती थी। अधिकांश सफाईकर्मी नेता हो गए थे। उनकी नेतागिरी के कारण अधिकारी कुछ बोलते नहीं थे। रोज रोज किसी भी मामले को लेकर अधिकारियों पर दबाव बनाने की आदत बन गई थी। उनकी इस लापरवाही का फायदा डीपीआरओ कार्यालय के कुछ लिपिक और अधिकारी उठाते थे। यह खेल वर्षों से चला आ रहा था। जब इस खेल की जानकारी डीएम को हुई तो उन्होंने एक ही आदेश में जिले के अधिकारियों के यहां चाकरी कर रहे करीब 200 से अधिक सफाईकर्मियां को मूल तैनाती वाले गांवों में भेजने का फरमान जारी कर दिया। डीएम के इस फरमान का असर हुआ कि पूरे विभाग में खलबली मच गई। डीएम ने यही फरमान जारी नहीं किया। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि गांवों में सुबह सात बजे से उपस्थित होकर गांव की सफाई करेंगे। गांव में आने के तुरंत बाद बायोमैट्रिक मशीन से अपनी हाजिरी लगाएंगे। फिर जब दो बजे जाएंगे तो दोबारा उन्हें जाने की हाजिरी लगानी होगी। तभी उनका पेरोल ब्लाक से डीपीआरओ कार्यालय पहुंचेगा। डीएम ने इनकी मनमानी रोकने के लिए ग्राम प्रधान, सचिव, एडीओ पंचायत औ बीडीओ को भी जिम्मेदार बनाया है। कहा है कि अगर इन सफाईकर्मियों ने किसी भी प्रकार की लापरवाही की तो चारों के वेतन से कटौती की जाएगी। इस आदेश का हरहाल में पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इसकी प्रत्येक सप्ताह सीडीओ समीक्षा करेंगे और बीडीओ को निर्देशित करेंगे। इसकी पूरी रिपोर्ट सीडीओ डीएम को भेजेंगे।