नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्मार्ट इंडिया हैकाथन के ग्रैंड फिनाले को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीती सदियों में हमने दुनिया को एक से बढ़कर एक साइंटिस्ट, टेकनीशियन्स, तकनीकी उद्यमी दिए हैं। लेकिन आज तेजी से बदलती हुई दुनिया में भारत को अपनी वही प्रभावी भूमिका निभाने के लिए उतनी ही तेजी से बदलना होगा।
उन्होंने कहा कि इसी सोच के साथ अब देश में इनोवेशन के लिए, रिसर्च के लिए, डिजाइन के लिए और विकास के लिए जरूरी इको सिस्टम तेजी से तैयार किया जा रहा है। अब क्वालिटी ऑफ इजुकेशन पर भारी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन के लिए नए संसाधनों का निर्माण हो या फिर स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसे ये अभियान, प्रयास यही है कि भारत की शिक्षा और आधुनिक बने, मॉडर्न बने, यहां के टैलेंट को पूरा अवसर मिले। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली में अब व्यवस्थित सुधार हो रहा है, शिक्षा के प्रयोजन और विषय-वस्तु में सुधार का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप भी अपने आसपास देखते होंगे कि आज भी अनेक बच्चों को लगता है कि उनको एक ऐसे विषय के आधार पर जज किया जाता है, जिसमें उसका इंटरेस्ट ही नहीं रहा। मां-बाप का, रिश्तेदारों का प्रेशर होता है तो वो दूसरों द्वारा चुने गए सबजेक्ट्स पढ़ने लगते हैं। नई शिक्षा नीति के माध्यम से इसी अप्रोच को बदलने का प्रयास किया जा रहा है, पहले की कमियों को दूर किया जा रहा है। भारत की शिक्षा व्यवस्था में अब एक सिस्टेमैटिक रिफॉर्म, शिक्षा का इंटेंट और कंटेंट, दोनों को ट्रांसफ्राम करने का प्रयास है।
नई शिक्षा नीति बाबा साहेब के विचार को समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे संविधान के मुख्य शिल्पी, हमारे देश के महान शिक्षाविद डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर कहते थे कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो सभी की पहुंच में हो, सभी के लिए सुलभ हो। ये शिक्षा नीति, उनके इस विचार को भी समर्पित है। उन्होंने आगे कहा कि ये शिक्षा नीति ‘नौकरी मांगने वाले’ के बजाए ‘नौकरी सृजन करने वाला’ बनाने पर जोर दिया गया है। यानि एक प्रकार से ये हमारे माइंडसेट में, हमारी अप्रोच में ही रिफॉर्म लाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि गरीबों को बेहतर जीवन देने के लिए जीवन की सुगमता का लक्ष्य हासिल करने में युवा वर्ग की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।