कोरोना से सहमा अंडे का कारोबार


(राजेश राय)
वाराणसी (काशीवार्ता)। अंडे का फंडा समझना बहुत मुश्किल काम है। कोरोना वायरस ने होल सेल मंडी में हड़कंप मचा कर दाम जरूर गिरा दिया पर इसका लाभ ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है।इसकी प्रमुख वजह फुटकर अंडा विक्रेताओं की मनमानी और प्रशासन द्वारा मूल्य नियंत्रण पर निगरानी न करना है। थोक में अंडे का दाम 3 रुपये प्रति अंडे से भी नीचे आ गया है पर फुटकर में यह अभी भी 5 रुपये और कहीं कहीं तो यह 6 रुपये के हिसाब से बिक रहा है। उल्लेखनीय है कि अंडे का भाव हैदराबाद और हरियाणा की बरवाला मंडी तय कराती है।प्रतिदिन अंडे का भाव खुलता है।इसी रेट पर लेयर फार्म मालिक अंडे को थोक विक्रेताओं को बेचते हैं। वहाँ से माल फुटकर विक्रेताओं के यहां पहुंचता है।

वाराणसी में प्रतिदिन लगभग 20 लाख अंडे की खपत है। स्थानीय लेयर फार्म सिर्फ 2 लाख अंडे का ही उतपादन कर पाते हैं। शेष अंडे हैदराबाद, पंजाब, हरियाणा आदि जगहों से आते हैं। कोरोना के चलते इन मंडियों में हाहाकार मचा हुआ है। इसके चलते मांग प्रभावित हुई।लोगों ने अंडे से दूरी बना ली। हालांकि यह साबित हो चुका है कि कोरोना का अंडे और मुर्गे के सेवन से कोई लेना देना नहीं है।परंतु अफवाहें हैं कि थमने का नाम ही नहीं ले रही।ऐसा नहीं है कि अफवाहों से अंडा उत्पादकों को ही अकेले नुकसान उठाना पड़ रहा है बल्कि चारा बनाने वाली कंपनियों की भी हालत खस्ता है। प्रमुख चारा निर्माता गोदरेज करोडों के घाटे में है।